IASbaba's Flagship Course: Integrated Learning Programme (ILP) - 2024  Read Details

Posts

Daily Prelims CA Quiz

UPSC Quiz - 2020 : IASbaba's Daily Current Affairs Quiz [Day 41]

For Previous Daily Quiz (ARCHIVES) - CLICK HERE The Current Affairs questions are based on sources like ‘The Hindu’, ‘Indian Express’ and ‘PIB’, which are very important sources for UPSC Prelims Exam. The questions are focused on both the concepts and facts. The topics covered here are generally different from what is being covered under ‘Daily Current Affairs/Daily News Analysis (DNA) and Daily Static Quiz’ to avoid duplication. The questions would be published from Monday to Saturday before 2 PM. One should not spend more than 10 minutes on this initiative. This is a part of our recently launched, NEW INITIATIVE IASbaba’s INTEGRATED REVISION PLAN (IRP) 2020 – Road Map for the next 100 Days! FREE INITIATIVE! We will make sure, in the next 4 months not a single day is wasted. All your energies are channelized in the right direction. Trust us! This will make a huge difference in your results this time, provided that you follow this plan sincerely every day without fail. Gear up and Make the Best Use of this initiative. Do remember that, “the difference between Ordinary and  EXTRA-Ordinary is PRACTICE!!” To Know More about the Initiative -> CLICK HERE SCHEDULE/DETAILED PLAN – > CLICK HERE Important Note: Don't forget to post your marks in the comment section. Also, let us know if you enjoyed today's test :)  After completing the 5 questions, click on 'View Questions' to check your score, time taken and solutions. To take the Test - Click Here

Daily Static Quiz

UPSC Static Quiz - 2020 : IASbaba's Daily Static Quiz - POLITY [Day 41]

For Previous Static Quiz (ARCHIVES) - CLICK HERE DAILY STATIC QUIZ will cover all the topics of Static/Core subjects – Polity, History, Geography, Economics, Environment and Science and technology. This is a part of our recently launched, NEW INITIATIVE IASbaba’s INTEGRATED REVISION PLAN (IRP) 2020 – Road Map for the next 100 Days! FREE INITIATIVE! We will make sure, in the next 4 months not a single day is wasted. All your energies are channelized in the right direction. Trust us! This will make a huge difference in your results this time, provided that you follow this plan sincerely every day without fail. Gear up and Make the Best Use of this initiative. Do remember that, “the difference between Ordinary and  EXTRA-Ordinary is PRACTICE!!” To Know More about the Initiative -> CLICK HERE SCHEDULE/DETAILED PLAN – > CLICK HERE Important Note After completing the 10 questions, click on 'View Questions' to check your score, time taken and solutions. Don't forget to post your marks in the comment section. Also, let us know if you enjoyed today's test :)  To take the Test - Click Here

TLP Mains 2020

IASbaba’s TLP (Phase 2 - ENGLISH & हिंदी): UPSC Mains Answer Writing - General Studies Paper 2 Questions[27th July,2020] - Day 41

For Previous TLP (ARCHIVES) - CLICK HERE Hello Friends, Welcome toIASbaba’s TLP (Phase 2- ENGLISH & हिंदी): UPSC Mains Answer Writing - General Studies  2 Questions[27th July, 2020] - Day 41 This is a part of our recently launched, NEW INITIATIVE IASbaba’s INTEGRATED REVISION PLAN (IRP) 2020 – Road Map for the next 100 Days! FREE INITIATIVE! We will make sure, in the next 4 months not a single day is wasted. All your energies are channelized in the right direction. Trust us! This will make a huge difference in your results this time, provided that you follow this plan sincerely every day without fail. Gear up and Make the Best Use of this initiative. We are giving 3 Mains Questions on Daily basis (unlike our regular TLP which has 5 questions) so that every student can actively participate and keep your preparation focused. Do remember that, “the difference between Ordinary and  EXTRA-Ordinary is PRACTICE!!” To Know More about the Initiative -> CLICK HERE SCHEDULE/DETAILED PLAN – > CLICK HERE   Note: Click on Each Question (Link), it will open in a new tab and then Answer respective questions! 1. Examine the factors that make migrant populations vulnerable. Are there any existing institutional measures to address the vulnerabilities faced by migrants in India? Critically examine.  उन कारकों की जाँच करें जो प्रवासी आबादी को असुरक्षित बनाते हैं। क्या भारत में प्रवासियों द्वारा सामना की जाने वाली कमजोरियों को दूर करने के लिए कोई मौजूदा संस्थागत उपाय हैं? समालोचनात्मक जांच करें। 2. The ongoing COVID-19 pandemic has exposed the vulnerabilities of many population groups. What in your opinion are the most adversely impacted populations? What measures would you suggest to provide relief to those groups? Discuss.  चल रहे COVID-19 महामारी ने कई जनसंख्या समूहों की कमजोरियों को उजागर किया है। आपकी राय में सबसे अधिक प्रभावित आबादी क्या है? आप उन समूहों को राहत देने के लिए क्या उपाय सुझाएंगे? चर्चा करें। 3. What are the legal and institutional remedies against the exploitation of factory workers and labourers? Are they adequate in addressing the myriad problems faced by the working class? Critically examine.  कारखाने के श्रमिकों और मजदूरों के शोषण के खिलाफ कानूनी और संस्थागत उपाय क्या हैं? क्या वे मज़दूर वर्ग के सामने मौजूद असंख्य समस्याओं को दूर करने के लिए पर्याप्त हैं? समालोचनात्मक जांच करें। P.S: The review from IASbaba will happen from the time the question is posted till 10 pm everyday. We would also encourage peer reviews. So friends get actively involved and start reviewing each others answers. This will keep the entire community motivated. All the Best :)

DAILY CURRENT AFFAIRS IAS | UPSC Prelims and Mains Exam (हिंदी) – 17th JULY 2020

Archives (PRELIMS + MAINS FOCUS) दसवीं अनुसूची: दलबदल विरोधी कानून Part of: GS Prelims and Mains II- राजनीति संदर्भ: हम विभिन्न राज्यों में राजनीतिक संकट से संबंधित समाचार में लेख पढ़ते है, बागी विधायक व्हिप के आदेश की अवहेलना करते है या विधायक दल की बैठकों में भाग नहीं लेते हैं तथा बागी विधायकों को अध्यक्ष की ओर से अयोग्यता का नोटिस दिया जाता है। क्या आप जानते हैं? दसवीं अनुसूची में उस प्रक्रिया को निर्धारित किया गया है जिसके द्वारा सदन के किसी अन्य सदस्य की याचिका के आधार पर विधान मंडल के पीठासीन अधिकारी द्वारा दलबदल के आधार पर विधायकों को अयोग्य घोषित किया जा सकता है। एक विधायक का अयोग्य माना जाता है, अगर वह या तो स्वेच्छा से अपनी पार्टी की सदस्यता छोड़ देता है या एक मतदान पर पार्टी नेतृत्व के निर्देशों की अवहेलना करता है। इसका तात्पर्य यह है कि व्हिप के आदेश की अहवेलना करने पर सदन की अपनी सदस्यता समाप्त हो जाती हैं। यह कानून संसद और राज्य विधान सभाओं पर लागू होता है। निर्णायक प्राधिकरण दलबदल से उत्पन्न अयोग्यता के संबंध में प्रश्न का निर्णय सभा के पीठासीन अधिकारी द्वारा लिया जाता है। मूल रूप से पीठासीन अधिकारी का फैसला अंतिम होता हैं और किसी भी अदालत में जाँच नहीं हो सकी है। हालांकि, 1993 किहोतो होलोहान मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रावधान को इस आधार पर असंवैधानिक घोषित कर दिया कि यह सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र को कम करता है। इसमें यह माना गया कि पीठासीन अधिकारी दसवीं अनुसूची के तहत प्रश्न का निर्णय लेते समय एक न्यायाधिकरण के रूप में कार्य करता है। इसलिए, किसी अन्य न्यायाधिकरण की तरह उनका निर्णय दुर्भावपूर्ण (malafides), दुराग्रह आदि के आधार पर न्यायिक समीक्षा के अधीन है। भारत-ईरान: फरजाद-बी गैस फील्ड अन्वेषण परियोजना Part of: GS Prelims and Mains II- भारत और ईरान संबंध; अंतर्राष्ट्रीय संबंध समाचार में: भारत सरकार के अनुसार - ईरान ने चाबहार-जहेदान रेल परियोजना पर चुप्पी साध ली थी और भारत को दिसंबर 2019 के बाद से ईरान से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। ओएनजीसी (ONGC) की विदेशी शाखा ओवीएल (OVL) भी फरजाद-बी गैस फील्ड अन्वेषण परियोजना से बाहर हो गयी है। ईरानी सरकार द्वारा नीतिगत परिवर्तन, ईरान के अनिश्चित वित्त और अमेरिकी प्रतिबंधों की स्थिति, यह भारत को परियोजनाओं से हटाने के कारण हैं। क्या आप जानते हैं? विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि भारत अब फरजाद-बी गैस फील्ड परियोजना में शामिल नहीं है, जहां ओएनजीसी ने मूल रूप से 2002 में अन्वेषण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, इस प्रकार ओएनजीसी ने अब तक लगभग $100 मिलियन का निवेश किया है। भारत ने चाबहार-जहेदान रेलवे लाइन में 1.6 अरब डॉलर और फरजाद-बी गैस फील्ड परियोजना में लगभग 6 अरब डॉलर का निवेश करने का प्रस्ताव किया था।  भारत-पाकिस्तान: कुलभूषण जाधव मामला Part of: GS Prelims and Mains II- भारत और उसके पड़ोसी देश; भारत-पाक संबंध समाचार में: भारत ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि उसने मौत की सजा पाने वाले कैदी कुलभूषण जाधव को मुफ्त और निर्बाध रूप से कांसुलर (वाणिज्यदूत संबंधी) एक्सेस की अनुमति नहीं दे रहा है। पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने कांसुलर अधिकारियों को कानूनी प्रतिनिधित्व के लिए कुलभूषण जाधव की सहमति नहीं लेने दी है,और मौत की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए सहमति की ज़रूरत है। भारत ने इस मामले को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में ले गया था, जिसने पाकिस्तान को उसे कांसुलर एक्सेस देने का आदेश दिया गया था। भारत ने मातृ मृत्यु दर में भारी गिरावट दर्ज की Part of: GS Prelims and Mains II- स्वास्थ्य समस्या; सामाजिक/ कल्याण का मुद्दा मातृ मृत्यु दर (MMR) के बारे में: मातृ मृत्यु दर (MMR) को प्रति 1,00,000 जीवित जन्मों में मातृ मृत्यु की संख्या के रूप में परिभाषित किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मातृ मृत्यु यह है कि गर्भवती होने पर या गर्भावस्था समाप्त होने के 42 दिनों के भीतर, गर्भावस्था या उसके प्रबंधन से संबंधित किसी भी कारण से महिला की मृत्यु होती है तो यह मातृ मृत्यु कहलाती है। रजिस्ट्रार जनरल के नमूना पंजीकरण प्रणाली (SRS) के कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार,  भारत में मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) 2015-17 से 2016-18 में 122 से घटकर 113 हो गया है जो 2014-2016 में 130 था। संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास (SDG) लक्ष्यों के 3.1 के लक्ष्य का उद्देश्य वैश्विक मातृ मृत्यु अनुपात को प्रति 1,00,000 जीवित जन्मों के 70 से कम तक कम करना है। दक्षिणी राज्य अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। पशु, पक्षी बलि से संबंधित क़ानूनों की जांच करेगा सुप्रीम कोर्ट Part of: GS Prelims and Mains III-पशु/वन्यजीव संरक्षण समाचार में: उच्चतम न्यायालय 1968 के केरल पशु एवं पक्षी बलिदान निषेध अधिनियम की संवैधानिक वैधता की जांच करेगा जो देवता को 'प्रसन्न' करने के लिए मंदिरों में पशु-पक्षियों के बलिदान को प्रतिबंधित करता है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पशु संरक्षण कानून में "विरोधाभास" पर प्रकाश डाला, जो भोजन के लिए जानवरों की हत्या की अनुमति देता है, लेकिन "देवता के लिए जानवरों की हत्या और फिर सेवन" की अनुमति नहीं देता है। 1960 के पशु क्रूरता की रोकथाम अधिनियम जानवरों की हत्या की अनुमति देता है, लेकिन जानवरों के प्रति क्रूरता पर प्रतिबंध लगाता है। पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण की धारा 28, 1960 धार्मिक उद्देश्यों के लिए पशुओं की हत्या को अपराध नहीं बताती है। हालांकि 1968 के केरल राज्य कानून धार्मिक बलिदान के लिए पशुओं और पक्षियों की हत्या पर प्रतिबंध लगाता है, लेकिन व्यक्तिगत उपभोग के लिए नहीं। विविध  भारत विचार शिखर सम्मेलन (India Ideas Summit)  समाचार में: प्रधानमंत्री 22 जुलाई को भारत विचार शिखर सम्मेलन में कोविड-19 के बाद की दुनिया में अमेरिका और भारत के प्रमुख भागीदारों और नेताओं के रूप में वैश्विक दर्शकों को संबोधित करेंगे। इस सम्मेलन में भारत सरकार और अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित होंगे। भारत विचार शिखर सम्मेलन शीर्ष वकालत समूह यूएस-इंडिया बिज़नेस काउंसिल (USIBC) द्वारा आयोजित किया जाता है, जो 21-22 जुलाई को आयोजित किया जाएगा। फरवरी दिल्ली दंगे और द्वेषपूर्ण भाषण समाचार में: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों की जांच के लिए दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग द्वारा गठित तथ्य-जाँच समिति (fact-finding committee)के अनुसार - हिंसा एक "संगठित और व्यवस्थित पैटर्न" का पालन की थी तथा दंगे अचानक नहीं हुए थे। हिंसा भाजपा नेता कपिल मिश्रा के एक भाषण के तुरंत बाद आरंभ हुई थी। भाषण के बाद, स्थानीय क्षेत्रों के विभिन्न समूहों/ भीड़ को शीघ्रता से हवा दी, लोग खुलेआम विभिन्न हथियार ले जा रहे थे और जिला प्रशासन या पुलिस द्वारा जान-माल की सुरक्षा के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन हमलों से मुस्लिम आबादी को निशाना बनाया गया था। क्या आप जानते हैं? इस समिति के अध्यक्ष एम आर शमशाद (M.R. Shamshad), एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड, सुप्रीम कोर्ट हैं। भारत में पुलिस की क्रूरता का उदाहरण समाचार में: पूरे भारत में पुलिस की क्रूरता बढ़ी है और पुलिस सुधारों की तत्काल आवश्यकता है। पुलिस हिरासत में जयराज और उनके पुत्र बेनिक्स की दुखद और निर्मम मौत ने तमिलनाडु और देश भर में विरोध को तीव्रता दी थी। लॉकडाउन अवधि के दौरान पुलिस की क्रूरता की घटनाएँ-जहाँ पुलिस को निर्दोष लोगों पर अत्याचार करते देखा गया। ऐसी ही हालिया घटना मध्य प्रदेश की गुना पुलिस द्वारा दलित दंपती पर हमला करने की है। मानवाधिकार गैर-सरकारी संगठन एमनेस्टी इंडिया (Amnesty India) ने कहा कि पुलिस द्वारा इस्तेमाल किया गया बल अत्यधिक था और यह अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन है । क्या आप जानते हैं? इस तरह की पुलिस कार्रवाइयों के शिकार ज्यादातर प्रवासी कामगार, दिहाड़ी कमाने वाले, सब्जी विक्रेता, स्ट्रीट वेंडर और श्रमिक वर्ग से जुड़े ऐसे अन्य लोग होते हैं। (MAINS FOCUS) शासन/ समाज विषय: सामान्य अध्ययन 1, 2: सामाजिक सशक्तिकरण कमजोर/ सुभेद्य वर्गों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए गठित तंत्र, कानून, संस्थाएं और निकाय ।  समान उपचार के लिए: दिव्यांगों के अधिकारों की रक्षा संदर्भ: आर्यन राज बनाम चंडीगढ़ प्रशासन  मामले में दिव्यांग व्यक्तियों के बारे में सुप्रीम कोर्ट का हालिया फैसला। क्या था मामला? चंडीगढ़ के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट्स के खिलाफ विशेष जरूरत वाले व्यक्ति (special needs person) आर्यन राज ने याचिका दायर की थी। राज को कॉलेज ने पेंटिंग और एप्लाइड आर्ट पाठ्यक्रम में न्यूनतम योग्यता अंकों में  छूट देने से इनकार कर दिया था। कॉलेज ने जोर देकर कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों को भी एप्टीट्यूड टेस्ट में सामान्य योग्यता के मानक 40% को पूरा करने की आवश्यकता है, जबकि SC/ ST उम्मीदवारों के लिये 35% की छूट दी गई थी। अधिनिर्णय? कॉलेज के फैसले को दरकिनार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, कि एससी/ एसटी को एप्टीट्यूड टेस्ट में पास होने के लिए 35% की जरूरत होती है, जहां तक भविष्य में दिव्यांगों का प्रश्न है, उनके लिए भी यही कानून लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में इसकी पुष्टि की दिव्यांग व्यक्ति भी सामाजिक रूप से पिछड़े हुए हैं। दिव्यांग व्यक्ति सार्वजनिक रोज़गार और शिक्षा में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के समान लाभ के हक़दार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह 2012 के अनमोल भंडारी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार तय सिद्धांतों का पालन कर रहा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह माना था कि विकलांगता से पीड़ित लोग सामाजिक रूप से भी पिछड़े हुए हैं तथा इसलिए, अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को दिए गए समान लाभों के हक़दार हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि बौद्धिक/ मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों की कुछ सीमाएं हैं, जो शारीरिक रूप से चुनौती प्राप्त व्यक्तियों में नहीं होती हैं। इस प्रकार, न्यायालय ने विशेष विशेषज्ञों को सलाह दी थी कि वे एक ऐसी कार्यप्रणाली बनाने की व्यवहार्यता की जांच करें जो ऐसे व्यक्तियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करता करे। उच्चतम न्यायालय के निर्णय का महत्व कठिनाइयों की पहचान: शीर्ष अदालत ने विकलांगों की सामाजिक स्थिति की परवाह किए बिना शिक्षा या रोज़गार तक पहुंचने में होने वाली परेशानियों को चिन्हित किया है। दिव्यांगों को मिलेगा आरक्षण का लाभ: सामान्य मानकों पर खरा न उतरने के कारण, दिव्यांग, अक्सर दिव्यांग उम्मीदवारों को शिक्षा और रोज़गार में आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता।  सशक्तिकरण के संबल के रूप में शिक्षा- इस फैसले के पीछे बड़ा सिद्धांत यह था कि दिव्यांगता से पीड़ित लोगों को उचित शिक्षा प्रदान किए बिना उनके अधिकारों में कोई सार्थक प्रवर्तन नहीं हो सकता है। क्या इस फैसले की कोई आलोचना हुई है? इस फैसले को दिव्यांगों तथा अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के बीच का भेद खत्म करने की एक प्रयास के रूप में देखा जाता है। इसे सामाजिक विकलांगता के साथ शारीरिक / मानसिक विकलांगता को समान करने के प्रयास के रूप में देखा जाता है और सदियों से सामाजिक विकलांगता और अस्पृश्यता का अनुभव हाशिये के वर्गों द्वारा झेला गया है।  निशक्त व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए व्यापक विधायी ढाँचा क्या है? यह निशक्तजन अधिकार अधिनियम, 2016 है। अधिनियम की कुछ प्रमुख विशेषताएँ यह हैं: यह अधिनियम विकलांग व्यक्तियों (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 की जगह लेगा। यह विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्रीय सम्मेलन (UNCRPD) के दायित्वों को पूरा करता है, जिस पर भारत एक हस्ताक्षर कर्ता देश है । बेंच मार्क ने विकलांग व्यक्तियों और उच्च समर्थन आवश्यकताओं वाले व्यक्तियों के लिए  निम्नलिखित आरक्षण के लाभ प्रदान किए गए हैं उच्च शिक्षा में आरक्षण (5% से कम नहीं), सरकारी नौकरियों में आरक्षण (4% से कम नहीं), भूमि आवंटन में आरक्षण, गरीबी उन्मूलन योजनाएं (5% आबंटन) 6 से 18 वर्ष की आयु वर्ग के बीच बेंच मार्क विकलांगता वाले प्रत्येक बच्चे को मुफ्त शिक्षा का अधिकार होगा। केंद्र और राज्य स्तर पर नीति निर्माण निकायों के रूप में काम करने के लिए विकलांगता पर  आधारित केंद्रीय और राज्य सलाहकार बोर्डो का गठन किया जाएगा। दिव्यांगों को आर्थिक मदद देने के लिए राष्ट्रीय और राज्य कोष बनाया जाएगा। विकलांग व्यक्तियों के लिए मुख्य आयुक्त और राज्य आयुक्त नियामक निकायों और शिकायत निवारण एजेंसियों के रूप में कार्य करेंगे और अधिनियम के कार्यान्वयन की निगरानी भी करेंगे। दंड: अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर अपमान करता है या विकलांग व्यक्ति को डराता है, या विकलांग महिला या बच्चे का यौन शोषण करता है, तो उसे छह महीने से पांच साल तक के कारावास की सजा और जुर्माना देना होगा। दिव्यांगों के अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित मामलों को निपटाने के लिए प्रत्येक जिले में विशेष न्यायालयों को नामित किया जाएगा। निष्कर्ष यह महत्वपूर्ण है कि 2016 अधिनियम और हाल ही में अनुसूचित जाति के फैसले को पूरी तरह से प्रभावी किया जाए ताकि जनसंख्या का यह महत्वपूर्ण वर्ग सामाजिक और आर्थिक उन्नति से पीछे ना छूट जाए। क्या आप जानते हैं? दिव्यांगों के लिए आरक्षण को क्षैतिज आरक्षण कहा जाता है जो सभी ऊर्ध्वाधर श्रेणियों जैसे SC, ST, OBC और जनरल में कटौती करता है Connecting the dots: सुगम्य भारत अभियान राष्ट्रीय विकलांग वित्त विकास निगम (NHFDC) अनुच्छेद 15(4), 16(4A) और 46 सुरक्षा/ शासन/ समाज विषय: सामान्य अध्ययन 2,3: आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सोशल नेटवर्किंग साइटों की भूमिका  सरकारी नीतियाँ और उनके योजना और कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे।  मेगा ट्विटर हैक (Mega Twitter hack) आखिर ट्विटर हैक क्या था? 15 जुलाई को कई हाई-प्रोफाइल अकाउंट्स ने एक मैसेज ट्विट करना शुरू किया जिसमें कहा गया था कि ट्वीट में एक लिंक पर भेजे गए किसी भी बिटकॉइन को डबल वापस भेजा जाएगा। प्रभावित नामों में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, बिल गेट्स, एऑन मस्क, जेफ बेजोस, उबर और एपल ट्विटर हैंडल थे। यहां तक कि जब ट्विटर ने इस तरह के ट्वीट डिलीट किए तो अकाउंट्स ने मिनटों के भीतर फिर से ट्वीट कर दिया। चार घंटे तक ट्वीट्स लाइव रहे, ट्वीट्स में प्रमोट किए गए बिटकॉइन वॉलेट को 300 ट्रांजैक्शन के जरिए $1,00,000 से ज्यादा मिले। Image Source: Indian Express कैसे हुआ हैक? शुरुआती सुझाव हैं कि हैकर्स प्रशासन के विशेषाधिकारों का उपयोग करने में कामयाब रहे, जिससे उन्हें किसी भी खाते के पासवर्ड को बायपास करने की अनुमति मिली जो वे हैकर्स चाहते थे। ट्विटर ने कहा है कि हैक को उन व्यक्तियों द्वारा समन्वित सोशल-इंजीनियरिंग अटैक माना जा रहा है, जिसने आंतरिक प्रणालियों और उपकरणों तक पहुंच रखने वाले कुछ कर्मचारियों को सफलतापूर्वक अपना निशाना बनाया। यह एक लक्षित फ़िशिंग ऑपरेशन (phishing operation) हो सकता है - साइबर अपराधियों द्वारा नियोजित एक आम रणनीति, जो यह पता लगाता है कि किन व्यक्तियों के पास सिस्टम की कुंजी है और फिर उन्हें व्यक्तिगत ईमेल के साथ लक्षित करें जो उन्हें विवरण सौंपने में धोखा देते हैं। या इसका मतलब यह हो सकता है, कि अपराधियों ने एक या कई स्टाफ के सदस्यों को अपने साथ शामिल करने के लिए उन्हें वित्तीय प्रलोभन या अन्य साधनों की पेशकश की हो। साइबर हमला कैसे हुआ, इसकी सही जानकारी अभी तक पूरी तरह से पता नहीं चल पाई है। इस सुरक्षा घटना के निहितार्थ क्या हैं? यह निजता, विश्वास और सुरक्षा पर अभूतपूर्व हमला था । इसका बहुत बड़ा असर पड़ा क्योंकि ट्वीट्स की कम से कम 350 मिलियन लोगों तक पहुंच थी। दुनिया के कुछ सबसे शक्तिशाली और प्रमुख लोगों की पसंद का मंच होने के कारण, ट्विटर पर हुए हमले से इसकी प्रतिष्ठा कम होगी। यह हैक दिखाता है कि सोशल-मीडिया प्लेटफॉर्म कितने सुभेद्य हैं। यह भी दिखाता है, कि उपयोगकर्ता कितने सुभेद्य (vulnerable) हैं कि उनके हित प्रभावित हो रहे हैं (जिन्होंने बिटकॉइन में भुगतान किया है) 2020 संयुक्त राज्य अमेरिका में चुनावी वर्ष होने के नाते, वहां अब वैध सवाल यह है कि क्या मतदान होने तक ट्विटर पर भरोसा किया जा सकता है या नहीं।   आगे का राह- क्या कदम उठाए जाने की जरूरत है? चूंकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग चेतावनी प्रणाली के रूप में भी किया जाता है, और खबरों के प्रकाशन के लिए भी, इसलिए उन्हें सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी प्रासंगिक योजनाएं तैयार करने की आवश्यकता है। सोशल मीडिया कंपनियों को सुरक्षा पर अधिक खर्च करने की जरूरत है (अभी तक इस बारे में कोई कानून नहीं है)। साइबर सुरक्षा के बारे में व्यापक और सख्त क़ानूनों की आवश्यकता है। भारत को अभी भी राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति के साथ सामने आना है, या कंपनियों को इस तरह की जांच करने का अधिकार देना होगा। निष्कर्ष चूंकि अधिक लोग ऑनलाइन गतिविधियों में समायोजित होते हैं, इसलिए साइबर सुरक्षा को एक आवश्यकता के रूप में देखने की जरूरत है। क्या आप जानते हैं? विश्वास की एक संभावित हानि से परे, ट्विटर अब कानूनी परिणामों का भी सामना कर सकता है। यूरोपीय संघ के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR) का कहना है कि ट्विटर जैसे संगठनों को सुरक्षा के "उचित" स्तर दिखाने होंगे। और अगर डेटा संरक्षण अधिकारी यह जज करते हैं कि ट्विटर यूरोपीय उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय करने में विफल रहा तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है।  Connecting the dots: सोशल मीडिया का समालोचनात्मक विश्लेषण डेटा संरक्षण व्यवस्था पर यूरोपीय संघ के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR) और जस्टिस बी एन श्री कृष्णा (B. N. Srikrishna) समिति की रिपोर्ट (TEST YOUR KNOWLEDGE) मॉडल प्रश्न: (You can now post your answers in comment section) Note:  आज के प्रश्नों के सही उत्तर अगले दिन के डीएनए (DNA) सेक्शन में दिए जाएंगे। कृपया इसे देखें और अपने उत्तरों को अपडेट करें। Comments Up-voted by IASbaba are also the “correct answers”. Q.1) 'दलबदल विरोधी कानून' के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें।  संविधान के 52 वें संशोधन में दसवीं अनुसूची को जोड़ा गया जिसमें उस प्रक्रिया को निर्धारित किया गया है जिसके द्वारा विधायकों को दलबदल के आधार पर अयोग्य घोषित किया जा सकता है। यदि वह किसी राजनीतिक दल में शामिल होता है तो स्वतंत्र सदस्यों (Independent members) को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। मनोनीत सदस्य (Nominated members) जो किसी पार्टी के सदस्य नहीं है, वह छह महीने के भीतर किसी पार्टी में शामिल होने का विकल्प चुन सकता है। सही कथनों का चयन करें? 1 और 2 2 और 3 1 और 3 उपरोक्त सभी Q.2) किहोतो होलोहान मामला किससे संबंधित है? दसवीं अनुसूची नौवीं अनुसूची आठवीं अनुसूची ग्यारहवीं और बारहवीं अनुसूची Q.3) फरजाद-बी गैस फील्ड परियोजना निम्नलिखित देशों से जुड़ी हुई है? ईरान इजराइल अफगानिस्तान लीबिया ANSWERS FOR 16th July 2020 TEST YOUR KNOWLEDGE (TYK) 1 D 2 A 3 B अवश्य पढ़ें- विश्वविद्यालय परीक्षा के बारे में: The Hindu भारतीय विश्वविद्यालयों में स्वायत्तता की हानि के बारे में: The Hindu असम बाढ़ के बारे में: The Indian Express

MindMaps

MIND-MAPS: SUPREME COURT PART 2 – General Studies 2

MIND-MAPS: SUPREME COURT (PART 2) – General Studies 2 For Previous Important Topics (Mind Maps) - ARCHIVES Hello Friends, Recently we have come up with a NEW INITIATIVE - BRAINSTORMING THROUGH MIND-MAPS! Mind-map is an incredible powerful thinking tool, an innate human language that will have immense benefit in your preparation. The main idea is to brainstorm different aspects of an issue - think in multi-dimensions; what we call 360 degrees of an issue. The whole of this exercise will unleash your creativity to push your brain cells to recall the data learnt and to make it more relevant for your preparation. It will help you to make your Revision and Retention a far better apart from giving you more Clarity in the topics/issue at hand and improve your Concentration. You can see the drastic impact mind-maps will have in a few weeks, provided you are regular with this exercise. So here we are with Today’s TOPIC! SUPREME COURT (PART 2) - General Studies 2 NOTE – Instructions to download Mind Maps/Images Right Click on the image and ‘Open image in new tab’ Remove/Delete the resolution part from the URL. Eg. “-1536x757” and Press Enter/Load Again Right Click and Save Image As/Download (You’ll get the maximum resolution) SUPREME COURT (PART 2)      YOUR PARTICIPATION? – VERY IMPORTANT Unlike what we were doing before, in this initiative we want students to learn and brainstorm through mind-maps (It is not necessary that you use a software/tool to design mind maps. You can prepare mindmaps using a pen and a sheet of paper). We will share the final printable mind map twice a week. We will also provide specific inputs on your mind maps to improve your skill of mind mapping.  Mind Maps for Next Week - Attorney General and Parliament To Know More about the initiative, Benefits and How to use a mind-map ->CLICK HERE Together we can, we will. The strength of the community is more powerful than individual effort. We have started it. You have to strengthen it” You can Start sharing Your Mind-maps (get feedback from IASbaba) & Topics of your interest in the comment section below!!   Thank You IASbaba

DAILY CURRENT AFFAIRS IAS | UPSC Prelims and Mains Exam (हिंदी) – 16th JULY 2020

Archives (PRELIMS + MAINS FOCUS) चीन स्टडी ग्रुप (CSG) की भूमिका Part Of: GS Prelims and Mains II संदर्भ: भारत-चीन गतिरोध से निपटने वाले लेखों को पढ़ते हुए, हम अक्सर सरकार के उच्च-शक्ति निकाय, "चाइना स्टडी ग्रुप (CSG)" का संदर्भ पाते हैं, जो LAC के साथ मौजूदा स्थिति की समीक्षा और चर्चा करने के लिए अक्सर बैठक करते हैं। चाइना स्टडी ग्रुप (सीएसजी) क्या है? यह एक सरकारी संस्था है, जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल करते हैं, जिसमें कैबिनेट सचिव, गृह, विदेश, रक्षा सचिव और सेना के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में हैं। सीएसजी(CSG) की स्थापना 1976 में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने चीन से संबंधित नीतिगत मुद्दों पर सलाह देने के लिए किया था। इसका नेतृत्व शुरू में विदेश सचिव द्वारा किया गया था और अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इसका नेतृत्व कर रहे है। सीएसजी (CSG) के कार्य या उद्देश्य सीएसजी (CSG) की स्थापना 1975-1976 में के.आर. नारायणन (K.R. Narayanan) के अधीन एक दोहरे उद्देश्य के साथ की गई थी। यह चीन-भारतीय सीमा पर स्थिति की समीक्षा करने, और  सीमा के मुद्दे पर चीन के साथ बातचीत की तैयारी में सहायता करने के लिए किया गया था।  1997 में भारत के उत्तरी और पूर्वी सीमांतों के साथ चीन द्वारा किए गए एलिवेटेड रोड और ट्रैक निर्माण कार्य के मद्देनज़र, सीएसजी का गठन किसी भी आक्रामकता के मामले में सैनिकों की तेज और सुचारु आवाजाही के लिए चीन सीमा पर सड़क संचार की आवश्यकता का अध्ययन करने के लिए किया गया था।  अध्ययन के अंत में सीएसजी(CSG) ने भारत-चीन सीमा सड़कों (ICBRs) के निर्माण के लिए चीन सीमा पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 73 सड़कों की पहचान की । क्या आप जानते हैं? सीमा सड़क संगठन (BRO), आईसीबीआर(ICBR) सड़क निर्माण कार्यो का अधिकांश हिस्सा संभालता है। आईसीबीआर (ICBR) के निर्माण के लिए कई अन्य संस्थाएं भी उत्तरदायी हैं - जैसे एनएचएआई (NHAI), एमओडीईआर (MoDNER), केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD), राष्ट्रीय परियोजना निर्माण निगम (NPCC) आदि। भारत-यूरोपीय संघ: व्यापार वार्ता Part Of: GS Prelims and Mains II - भारत और यूरोपीय संघ के संबंध; अंतर्राष्ट्रीय संबंध समाचार में: भारत-यूरोपीय संघ (EU) ने हाल ही में एक वर्चुअल समिट का आयोजन किया था। प्रमुख परिणाम: भारत और यूरोपीय संघ 2025 तक रणनीतिक सहयोग की रूपरेखा के लिए प्रतिबद्ध हैं। (भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी के लिए पांच साल का रोड मैप)  दोनों ने कोरोनावायरस महामारी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रति अपनी प्रतिक्रिया पर सहयोग करने का वचन दिया। मुक्त व्यापार समझौते (द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौते) पर वार्ता को पुनर्जीवित करना जो 2013 से निलंबित कर दिया गया था। यूरेएटम (EURATOM) और परमाणु ऊर्जा विभाग के बीच असैन्य परमाणु अनुसंधान और विकास सहयोग समझौता। सहयोग के क्षेत्रों में और सर्वोत्तम अभ्यासों का आदान-प्रदान करें, तथा अन्य पांच वर्षों के लिए अपने विज्ञान और प्रौद्योगिकी समझौते को नवीनीकृत करना चाहिए। भारत-यूरोपीय संघ के अभिसरण (convergence) के क्षेत्र: भारत और यूरोपीय संघ प्राकृतिक साझेदार हैं। भारत-यूरोपीय संघ की साझेदारी वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों देश लोकतंत्र, बहुलवाद, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और बहुपक्षीयता के प्रति सम्मान पर “सार्वभौमिक मूल्यों” को साझा करते हैं। जलवायु परिवर्तन से निपटने और व्यापार के निर्माण में समान रुचि साझा करते हैं। यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि भारत यूरोपीय संघ का नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है । भारत-यूरोपीय संघ के क्षेत्रों में अलगाव: यूरोपीय संघ के नेतृत्व ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति के साथ-साथ नागरिकता संशोधन अधिनियम पर चिंता जताई थी। यूरोपीय संघ ने "आत्मनिर्भर भारत" नारे के लिए भारत के "संरक्षणवादी" स्वर पर चिंता व्यक्त की है।  संसदीय स्थायी समिति ने गृह मंत्रालय से प्रवासियों का डाटाबेस तैयार करने को कहा Part Of: GS Prelims and Mains II - सामाजिक और कल्याणकारी योजनाएं; संसदीय समितियां समाचार में: गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने सरकार को प्रवासी कामगारों का राष्ट्रीय डाटाबेस स्थापित करने की सलाह दी ताकि वे सामाजिक सुरक्षा कवच से बाहर न हो जाए।  समिति ने कहा कि राज्यों और जिलों के बीच बेहतर समन्वय से प्रवासी कामगारों के बड़े पैमाने के पलायन को रोका जा सकता था। समिति के अनुसार, COVID19 महामारी से सबक लेना चाहिए जिसने अभूतपूर्व उत्क्रम प्रव्रजन (unprecedented reverse migration) देखा। एशियाई विकास बैंक (ADB) Part Of: GS Prelims and Mains II and III - क्षेत्रीय समूह/ संगठन; अर्थव्यवस्था एशियाई विकास बैंक के  बारे में : एशियाई विकास बैंक (ABD) 19 दिसंबर 1966 को स्थापित एक क्षेत्रीय विकास बैंक है, जिसका मुख्यालय मनीला, फिलीपींस में है।  एडीबी (ADB) का उद्देश्य एशिया में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। एशियाई विकास बैंक, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग के एशिया और पैसिफिक (UNESCAP) और गैर-क्षेत्रीय विकसित देशों के सदस्यों को स्वीकार करता है।  क्या आप जानते हैं? एडीबी (ABD) को विश्व बैंक की तर्ज पर बारीकी से चित्रित किया गया था, और इसमें भी विश्व बैंक के समान भारित मतदान प्रणाली है। एडीबी (ABD) की स्थापना में एडीबी (ADB) के 31 सदस्यों थे, और अब एडीबी (ADB) के पास 68 सदस्य हैं। एडीबी (ADB) एक आधिकारिक संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक है। भारत 1966 में एशियाई विकास बैंक (ADB) का संस्थापक सदस्य था और अब बैंक का चौथा सबसे बड़ा शेयरधारक और शीर्ष उधारकर्ता है। 31 दिसंबर 2019 तक, एडीबी(ADB) के पांच सबसे बड़े शेयरधारक जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका (प्रत्येक कुल शेयरों के 15.6% के साथ), पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (6.4%), भारत (6.3%), और ऑस्ट्रेलिया (5.8%) हैं। समाचार में: एडीबी (ADB) ने घोषणा की थी, कि उसने चुनाव आयुक्त अशोक लवासा को निजी क्षेत्र के संचालन और सार्वजनिक निजी भागीदारी के लिए अपना उपाध्यक्ष (VP) नियुक्त किया है। जनसंख्या पर लैंसेट अध्ययन Part Of: GS Prelims and Mains I and II - जनसंख्या मुद्दे; सामाजिक/कल्याण के मुद्दे समाचार में: लैंसेट अध्ययन के अनुसार - विकास की मौजूदा दर पर भारत की आबादी 2047 तक करीब 1.61 अरब पर पहुंचने की संभावना है, तथा फिर 2100 तक 1.03 अरब तक कम हो जाएगी। भारत में जनसंख्या में गिरावट केवल 2046 के आसपास होने की उम्मीद है। भारत सबसे अधिक आबादी वाला देश रहेगा। 2100 में पांच सबसे बड़े देश (अनुमानित हैं) भारत, नाइजीरिया, चीन, अमेरिका और पाकिस्तान होंगे। क्या आप जानते हैं? विश्व की आबादी 2061 तक करीब 9.73 अरब पर पहुंचने की संभावना है, और फिर 2100 तक 8.79 अरब तक कम हो जाएगी। जनसंख्या में गिरावट को इस आधार पर समझा जा सकता है कि विश्व स्तर पर सभी महिलाओं को गर्भनिरोधक और शिक्षा के लिए बहुत अधिक पहुंच होगी। कुल प्रजनन दर (TFR) 2.1 से कम है, जिससे देश की आबादी में गिरावट आएगी। खाद्य सुरक्षा पर सोफी (SOFI) 2020 की रिपोर्ट Part Of: GS Prelims and Mains I and II - गरीबी; सामाजिक/कल्याण के मुद्दे; खाद्य सुरक्षा समाचार में: विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण राज्य (SOFI) 2020 की रिपोर्ट के अनुसार - विश्व 2030 तक जीरो हंगर (शून्य भुखमरी) के लक्ष्य को पूरा करने की सही मार्ग पर नहीं है। COVID19 द्वारा आर्थिक मंदी के कारण इस वर्ष वैश्विक स्तर पर लगभग 8-13 करोड़ लोगों के भूखे रहने की संभावना है। 2019 में विश्व भर में लगभग 690 मिलियन लोग भूखे रह गए। (2018 में 1 करोड़ तक) 2014 के बाद से भूख में वृद्धि जारी है और कुपोषण की वैश्विक व्यापकता, या भूखे लोगों का समग्र प्रतिशत 8.9% है। एशिया में कुपोषित (38 करोड़) लोगों की सबसे बड़ी आबादी है। अफ्रीका दूसरे (25 करोड़), इसके बाद लैटिन अमेरिका और कैरिबियन (4.8 करोड़) हैं। अन्य तथ्य: वर्तमान अनुमानों के अनुसार, 2019 में, 5 साल से कम उम्र के 21.3% (14.4.करोड़) बच्चे स्टंटेड (आयु के अनुसार लंबाई में कमी) थे। 6.9% (4.7 करोड़) वेस्टेड (लंबाई के अनुसार वज़न में कमी) और 5.6% (3.8 मिलियन) अधिक वजन (overweight) एक स्वस्थ आहार की लागत ₹143 (या $ 1.90/दिन) से अधिक है जो अंतरराष्ट्रीय गरीबी सीमा है। क्या आप जानते हैं? SOFI रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन, कृषि विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय कोष, यूनिसेफ़(UNICEF), विश्व खाद्य कार्यक्रम और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सालाना जारी की गई एक संयुक्त रिपोर्ट है। यह वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर खाद्य असुरक्षा, भुखमरी और कुपोषण पर नवीनतम अनुमान प्रस्तुत करती है। 2020 संस्करण यह संकेत देता रहता है कि खाद्य असुरक्षा और कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण चुनौतियाँ अपने सभी रूपों में विघमान हैं। भारत-रूस संबंध: Part Of: GS Prelims and Mains II - भारत और रूस संबंध; अंतर्राष्ट्रीय संबंध समाचार में: रूस में भारतीय दूत ने कहा- भारत चाहता है कि, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रूस की उपस्थिति अधिक हो। ( भारत रूस को एक बहुत महत्वपूर्ण प्रशांत शक्ति मानता है) रूस को इस क्षेत्र में अपने हितों की ओर देखना चाहिए और इससे सहयोग तथा बातचीत के लिए पारस्परिक आधार तैयार होगा । हाल के घटनाक्रम: वियतनाम के तेल और गैस क्षेत्र में भारतीय और रूसी निवेश को सहयोग के रूप में माना जा सकता है।  भारत चाहता है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र हर किसी के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष हो। एक स्थिर इंडो-पैसिफिक, रूस के लिए विशेष रूप से आर्कटिक से व्लादिवोस्तोक तक तथा व्लादिवोस्तोक से चेन्नई तक प्रस्तावित ऊर्जा पुल के लिए विशेष महत्व रखता है। क्या आप जानते हैं? वियतनाम के अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में भारतीय तेल ब्लॉकों के करीब ओवरलैपिंग दावों के कारण दक्षिण चीन सागर में चीन और वियतनाम के बीच गतिरोध होता रहा है । रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस वर्ष के अंत में भारत की यात्रा करेंगे जो भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी के 20वें वर्ष के साथ मेल खाता है । विविध: चीन पर अमेरिकी प्रतिबंध समाचार में: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हांगकांग पर चीन के शिकंजे को लेकर वित्तीय हब के विशेषाधिकारयुक्त व्यापार व्यवहार को समाप्त कर दिया है तथा बैंकों पर अधिकृत प्रतिबंधों को आरोपित किया है। ट्रंप प्रशासन के मुताबिक, हांगकांग को अब मुख्य भूमि, चीन के समान माना जाएगा, कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं दिया जायेगा, कोई विशेष आर्थिक व्यवहार और संवेदनशील प्रौद्योगिकियों का कोई निर्यात नहीं होगा। चीन ने जवाबी कार्रवाई करने और प्रासंगिक अमेरिकी कर्मियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाने को कहा है। गूगल ने जियो (JIO) प्लेटफॉर्म्स में 7.7% की हिस्सेदारी हासिल की समाचार में: रिलायंस जियो (JIO) अगले साल भारत में 5जी तकनीक प्रसारित करेगा। जियो (JIO) और गूगल अपनी साझेदारी में एंड्राइड (android) ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ सस्ते एंट्री लेवल 4G या  5G स्मार्ट फोन भी बनाएँगे। गूगल ने जियो (JIO) प्लेटफॉर्म्स में 7.7% हिस्सेदारी हासिल करने के लिए ₹33,737 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है। रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड अपने रिटेल और पेट्रोकेमिकल कारोबारों के लिए इसी तरह से पूँजी जुटाने पर विचार कर रही है। मुख्य बिंदु: जियो ने आरंभ (scratch) से लेकर संपूर्ण 5G सॉल्यूशन डिज़ाइन और डेवलप किया है। (मेड-इन-इंडिया 5G समाधान) गूगल ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह भारत में 10 अरब डॉलर का फंड निवेश करेगा। इसलिए जियो(JIO) में निवेश पहला और सबसे बड़ा निवेश होगा जो गूगल भारत में करेगा। (मुख्य लेख) अंतर्राष्ट्रीय/ अर्थव्यवस्था विषय: सामान्य अध्ययन 2,3: भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव  महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं, एजेंसियाँ और उनकी संरचना, अधिदेश।  भारत को ईयू (EU) में विश्वास करना चाहिए?  संदर्भ: कोविड पश्चात् विश्व में, भारत के लिए यह तय करने की चुनौती होगी कि वह किस साझेदार के साथ अपनी भू-राजनीतिक पूँजी का निवेश करे।  यूरोपीय संघ और भारत में बहुत कुछ समान है, जैसे : दोनों का उद्देश्य रणनीतिक स्वायत्तता और उनकी वैश्विक स्थिति को बढ़ाना है। रणनीतिक मूल्य श्रृंखला में विविधता लाने की आवश्यकता (चीनी-केंद्रवाद को समाप्त करना) है।  जलवायु परिवर्तन का संबोधन।   भारत-यूरोपीय संघ के संबंधों का महत्व यूरोपीय संघ नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था (जिसका भारत भी समर्थन करता है) को समर्थक है। भू-राजनीतिक दृष्टि से भारत को चीन जैसे शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वी का सामना करना पड़ रहा है।  यूरोपीय संघ जैसी समान विचारधारा वाली, लोकतांत्रिक शक्तियों के साथ एक मजबूत सहयोग भारत को भूराजनीति में प्रभावी रूप से अपने प्रतिद्वंद्वी का सामना करने में मदद कर सकता है भारत और यूरोपीय संघ - बढ़ती आर्थिक साझेदारी का प्रारंभ (ओपनिंग)  यूरोपीय संघ भारत का पहला व्यापारिक साझेदार है और सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है, जिसमें € 67.7 बिलियन का निवेश 2018 में किया गया था (कुल एफडीआई (FDI) प्रवाह का 22%) हालांकि, 2018 में यूरोपीय संघ ने चीन में € 175.3 बिलियन का निवेश किया था।  COVID के बाद की दुनिया में, भारत के लिए यूरोपीय संघ के निवेश को आकर्षित करने की गुंजाइश है, जो कि चीन से बाहर निकल सकता है।  भविष्य में संबंधों को बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए दोनों पक्षों को आपसी विश्वास की कमी को दूर करना चाहिए । आपसी समझ में सुधार के लिए लोगों की गतिशीलता और कनेक्टिविटी को सुगम बनाने की आवश्यकता है। स्थिर मुक्त व्यापार समझौते (FTA) वार्ताओं को तेज करने की आवश्यकता है। यूरोपीय संसद के एक नए अध्ययन में दोनों पक्षों के बढ़े हुए व्यापार से €8 अरब और €8.5 अरब के बीच लाभ हुआ है, जो यूरोपीय संघ-भारत व्यापार समझौते के संभावित प्रभाव का नतीजा है। जलवायु परिवर्तन पर सहयोग अपनी नई औद्योगिक रणनीति, ग्रीन डील के माध्यम से, यूरोपीय संघ 2050 तक महाद्वीप के कार्बन उत्सर्जन को स्थिरता प्रदान करने के लिए अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य के अनुसार निर्माण कर रहा है। भारत ने पेरिस जलवायु समझौते में महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की भी घोषणा की है। इस प्रकार, दोनों देश अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर सहयोग कर सकते हैं। बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार यूरोपीय संघ और भारत को बहुपक्षीय संस्थानों में सतत सुधार को बढ़ावा देने के लिए सैन्य सहयोग करना चाहिए, जिसमें विश्व व्यापार संगठन (WTO) में भी सहयोग शामिल हो । निष्कर्ष भारत को COVID के बाद की दुनिया में विदेश नीति में  उचित कदम उठाने चाहिए ताकि वैश्विक शक्ति समीकरणों की प्राप्ति के कारण अपने हितों से समझौता न किया जाए।  Connecting the dots: यूरोपीय संघ और ASEAN - उनकी संरचनाओं में अंतर बहुपक्षीय संगठनों पर COVID-19 का प्रभाव अर्थव्यवस्था/ शासन/ अंतर्राष्ट्रीय विषय: सामान्य अध्ययन 2,3: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास और रोजगार से संबंधित विषय।  भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव   भारत में गूगल (Google) का निवेश संदर्भ- अमेरिकी तकनीकी कंपनी गूगल ने "गूगल फॉर इंडिया डिजिटाइजेशन फंड" के माध्यम से आने वाले पांच से सात वर्षों में भारत में 10 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना की घोषणा की है।  निवेश पर होगा फोकस अधिक इंटरनेट गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए अधिक उच्च गुणवत्ता वाले तथा कम लागत वाले स्मार्ट फोन बाजार में लाना। उपभोक्ता प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि में नए उत्पादों और सेवाओं का निर्माण करना। छोटे और मध्यम व्यवसायों को डिजिटल रूप से बदलने के लिए सशक्त बनाना।  निवेश का महत्व यह कदम भारतीय और अमेरिकी टेक्नोलॉजी फर्म के बीच के समझौते को आगे बढ़ाने का संकेत देता है। यह एक गंभीर वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच भी, भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के आकर्षण को दर्शाता है। निवेश की अधिक आवश्यकता ऐसे समय में है जब भारतीय अर्थव्यवस्था गहरी मंदी के बीच है। विश्व में क्या व्यापक बदलाव हो रहा है? गूगल का यह फैसला अमेरिका और चीन के बीच टेक्नोलॉजी वर्ल्ड में अनबन के संकेतों के साथ-साथ व्यापक बदलाव का भी संकेत दे रहे है। भारत ने व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले चीनी ऐप TikTok पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था और अमेरिका भी इसी तरह की कार्रवाई पर विचार कर रहा है। अमेरिका भी देशों पर दबाव डाल रहा है कि वे चीनी कंपनी  हुवोई के उपकरणों को अपने 5G नेटवर्क से बाहर रखें। ब्रिटेन ने 2020 के अंत के बाद अपने टेलीकॉम ऑपरेटरों द्वारा नए हुवोई (Huawei) उपकरणों की खरीद पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इन सभी को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओ को फिर से संगठित करने की कोशिश करने वाले देशों में देखा जा सकता है, जो वर्तमान में चीन के आसपास केंद्रित है।  निष्कर्ष भारत सरकार को बढ़ते बाजार को गहरा और बड़ा करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।  Connecting the dots: एफडीआई (FDI) के पक्ष और विपक्ष डेटा संरक्षण पर जस्टिस बी. एन. श्रीकृष्ण समिति (B. N. Srikrishna Committee) की रिपोर्ट (TEST YOUR KNOWLEDGE) मॉडल प्रश्न: (You can now post your answers in comment section) ध्यान दें:  आज के प्रश्नों के सही उत्तर अगले दिन के डीएनए (DNA) सेक्शन में दिए जाएंगे। कृपया इसे देखें और अपने उत्तरों को अपडेट करें। Comments Up-voted by IASbaba are also the “correct answers”  Q.1) चाइना स्टडी ग्रुप (CSG) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें? यह भारत-चीन संबंधों से जुड़े रणनीतिक अध्ययन और भूमि युद्ध पर एक स्वतंत्र या स्वायत्त थिंक टैंक है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों, पारंपरिक सैन्य अभियानों और उप-पारंपरिक युद्ध से निपटने के लिए चीन-भारत युद्ध के ठीक बाद स्थापित किया गया था। उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है? केवल 1 केवल 2 1 और 2 दोनों न तो 1 और न ही 2 Q.2) सूची I के साथ सूची II का मिलान करें तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनें: (सूची I-संसदीय समितियां) : (सूची II- शामिल सदस्य) लोक लेखा समिति           A) 22 सदस्य (15 लोकसभा से और 7 राज्यसभा से) आकलन समिति             B) 30 सदस्य (सभी लोकसभा से ) स्थायी/ स्टैंडिंग समिति    C) 31 सदस्य (21 लोकसभा से और 10  राज्यसभा से ) महिला सशक्तिकरण समिति       D) 30 सदस्य (20 लोकसभा से  और 10  राज्यसभा से ) कूट: 1-2-3-4 A-B-C-D A-B-D-C B-A-D-C B-A-C-D Q.3) एशियाई विकास बैंक (ADB) के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें।  एडीबी (ABD) एक क्षेत्रीय विकास संगठन है जो ऋण, अनुदान के माध्यम से एशिया और प्रशांत में गरीबी को कम करने के लिए समर्पित है, जिसका मुख्यालय बीजिंग में है। भारत एडीबी (ADB) का संस्थापक सदस्य है। उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है? केवल 1 केवल 2 1 और 2 दोनों न तो 1 और न ही 2 ANSWERS FOR 15th July 2020 TEST YOUR KNOWLEDGE (TYK) 1 A 2 B 3 C 4 C 5 C अवश्य पढ़ें मुद्रास्फ़ीति के बारे में: द हिंदू COVID पश्चात् चीनी आक्रामकता के बारे में: द हिंदू चाबहार बंदरगाह रेल परियोजना के बारे में: द इंडियन एक्सप्रेस

DAILY CURRENT AFFAIRS IAS | UPSC Prelims and Mains Exam (हिंदी) – 15th JULY 2020

Archives (PRELIMS + MAINS FOCUS) ब्रह्मपुरम असफलता पर एनजीटी (NGT on Brahmapuram fiasco) भाग: GS Prelims and Mains II and III - सांविधिक निकाय; पर्यावरण के मुद्दे; प्रदूषण समाचार में: राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) की बेंच ने कहा कि केरल राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (KSPCB) के अध्यक्ष और सदस्य सचिव को उत्तरदायी ठहराया जाएगा, यदि वह अभियोजन (prosecution) आरंभ करने और ब्रह्मपुरम् में कोच्चि निगम डंपिंग स्थल पर कचरे के अवैज्ञानिक निस्तारण के लिए उत्तरदायी लोगों से मुआवजा वसूलने में विफल रहते हैं।  NGT की बेंच ने कहा कि प्रगति (उपचारण) की प्रकिया बहुत धीमी है तथा स्वच्छ वातावरण प्रदान करने के सांविधिक और संवैधानिक दायित्व की अवहेलना हुई है। Important Value Additions: याद रखने योग्य मुख्य बिंदु: ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016(SWM Rules, 2016) का अनुपालन न करना। डंपिंग साइट पर अपशिष्ट का अवैज्ञानिक निस्तारण जिसके परिणामस्वरूप पर्यावरण प्रदूषित और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भूमिका (SPCB)  ठोस कचरा प्रबंधन पर राज्य स्तरीय निगरानी समिति की भूमिका। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की भूमिका (NGT) क्या आप जानते हैं? पर्यावरण की रक्षा और सुधार एक, संवैधानिक जनादेश है। यह एक कल्याणकारी राज्य के विचारों के प्रति संकल्पित, देश की प्रतिबद्धता है।  भारतीय संविधान में राज्य के निति निदेशक तत्व (DPSP) और मौलिक कर्तव्य (FD) के तहत पर्यावरण संरक्षण के लिए विशिष्ट प्रावधान हैं। अनुच्छेद 48A (DPSP): पर्यावरण की सुरक्षा और सुधार तथा वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा। राज्य पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने और देश के वनों और वन्यजीवों की रक्षा करने का प्रयास करेगा।  अनुच्छेद 51-A(g) मौलिक कर्तव्य (FD): "यह भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह वनों, झीलों, नदियों और वन्य जीवन सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करे तथा जीवित प्राणियों के प्रति करुणा भाव रखे। अनुच्छेद 21 मौलिक अधिकार (FR): स्वच्छ वातावरण का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन का अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी का एक हिस्सा है।   "राज्य का संवैधानिक दायित्व अपने सभी नागरिकों को स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करना है। पर्यावरण से संबंधित मामलों में, राज्य को सूत्रधार के रूप में कार्य करना होता है, न कि अवरोधक के रूप में। "   राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के बारे में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम, 2010 में पर्यावरण संरक्षण और वनों के संरक्षण तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित मामलों के प्रभावी और त्वरित निस्तारण के लिए एनजीटी (NGT) की स्थापना का प्रावधान है। एनजीटी (NGT) पर्यावरण से संबंधित किसी भी कानूनी अधिकार को लागू करने तथा व्यक्तियों और संपत्ति को नुकसान के लिए राहत और मुआवजा देने के लिए भी अधिकृत है।  एनजीटी अधिनियम में वायु और जल प्रदूषण से संबंधित सभी पर्यावरणीय क़ानूनों से निपटने के लिए एनजीटी की स्थापना की परिकल्पना की गई है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, वन संरक्षण अधिनियम और जैव विविधता अधिनियम को एनजीटी अधिनियम की अनुसूची 1 में स्थापित किया गया है। नोटः वन्यजीव संरक्षण सुप्रीम कोर्ट की ग्रीन बेंच के दायरे में आता है, न कि एनजीटी (NGT) के अधीन है। 15वां भारत-यूरोपीय संघ (वर्चुअल) शिखर सम्मेलन भाग: GS Prelims and Mains II - भारत और यूरोपीय संघ के संबंध; अंतर्राष्ट्रीय संबंध समाचार में: भारत-यूरोपीय संघ (EU) वर्चुअल समिट आयोजित करेंगे फोकस क्षेत्र: भारत और यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) वार्ताओं को फिर से आरंभ करेंगे -द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौता (BTIA) सहयोग के लिए रोड मैप, असैन्य परमाणु सहयोग के लिए अनुसंधान के साझेदारी पर समझौता तथा समुद्री सुरक्षा वार्ता शुरू करने के साथ-साथ यूरो पोल और सीबीआई के बीच वार्ता सहित कई समझौतों को अंतिम रूप से तय करना शामिल है। टीकों (vaccines) और उपचार पर चिकित्सा विकास। क्या आप जानते हैं? यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और निवेशक है, तथा जो भारत के वैश्विक व्यापार का 11% है। यूरोपीय संघ ने अगले साल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के चयन का स्वागत किया है। यूरोपीय संघ को "द्विपक्षीय निवेश संधि" (बीआईटी) के मॉडल के बारे में आपत्ति है जो भारत ने प्रस्तावित किया है, खासकर भारतीय न्यायालयों में विवाद तंत्र पर।  द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौता भारत और यूरोपीय संघ के बीच एक मुक्त व्यापार समझौता है, जिसे 2007 में आरंभ किया गया था। सोचिए! भारत के लिए यूरोपीय संघ का महत्व चीन-ईरान संबंध भाग:  GS Mains II - अंतर्राष्ट्रीय संबंध   संबंध के बारे में: 400 अरब डॉलर के दीर्घकालिक समझौते के माध्यम से ईरान और चीन अपनी साझेदारी को एक नए स्तर पर ले जा रहे हैं। दोनों देश उस समझौते को अंतिम रूप देने के एक उन्नत चरण में हैं जो चीन को बैंकिंग, दूरसंचार, बंदरगाह, रेलवे और इस्लामिक गणराज्य में कई अन्य क्षेत्रों में 25 वर्षों तक भारी छूट वाले तेल सहित इसे अपनी उपस्थिति का विस्तार करने की अनुमति देगा। उपर्युक्त समझौता यदि अंतिम रूप से प्रतिबंधों से प्रभावित ईरान और चीन के लिए एक आर्थिक जीवन रेखा हो सकता है, तो चीन उस क्षेत्र में अपने रणनीतिक प्रभाव को बढ़ा सकता है, जहां अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से एक मजबूत उपस्थिति बनाई है। यह समझौता चीन के खिलाफ अमेरिका के दंडात्मक उपायों को भी आकर्षित कर सकता है। संबंधित क्षेत्र: चीन और ईरान दोनों देशों के अमेरिका के साथ मतभेद हैं। चीन एक विशाल ऊर्जा बाजार है और चीन के पास अधिशेष नकदी, प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, जबकि ईरान एक प्रतिबंध प्रभावित, नकदी की कमी वाला ऊर्जा निर्यातक देश है। चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) में ईरान का महत्वपूर्ण स्थान है । चीन और ईरान संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास, संयुक्त अनुसंधान और शस्त्र निर्माण और खुफ़िया जानकारी साझा करने की शुरुआत करेंगे । चीन ईरान को अपना जीपीएस (GPS) प्रयोग करने का प्रस्ताव देगा, 5जी रोल आउट के लिए अवसंरचना का निर्माण करेगा और मुक्त व्यापार क्षेत्र विकसित करेगा । अमेरिका ने दक्षिणी चीन सागर में बीजिंग के दावों को खारिज किया भाग:  GS Prelims and Mains II - अंतर्राष्ट्रीय मामले समाचार में: अमेरिका ने कहा है कि दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्सों में अप-तटीय (Offshore) संसाधनों के लिए चीन के दावे पूरी तरह से गैर कानूनी हैं। दक्षिण चीन सागर मूल्यवान तेल और गैस भंडार का स्रोत है और दुनिया के वाणिज्य व्यापार  के लिए एक महत्वपूर्ण जल मार्ग है। अमेरिका ने यह भी कहा कि वह समुद्रों की स्वतंत्रता और संप्रभुता के सम्मान की रक्षा में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ खड़ा होगा और दक्षिण चीन सागर में किसी भी दावे को खारिज करेगा । क्या आप जानते हैं? चीन 1940 के दशक के नक्शों के आधार पर एक तथाकथित नाइन डैश लाइन के माध्यम से दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है। अमेरिका ने जल सीमा क्षेत्र के आसपास में चीन के दावों को खारिज कर दिया, जो  वियतनाम का वैनगार्ड बैंक, मलेशिया का लुकानिया शोल, ब्रुनेई का अनन्य आर्थिक क्षेत्र और इंडोनेशिया से नटुना बेसर में माना जाता है।  अमेरिका ने मलेशिया प्रशासित जेम्स शोल के चीन के दक्षिणी दावे को भी खारिज कर दिया, जो चीन की मुख्य भूमि से 1800 किमी (1,150 मील) की दूरी पर है । ब्रिटेन ने हुवाई को अपने 5जी नेटवर्क की भावी भूमिका से प्रतिबंधित कर दिया भाग:  GS Mains II - अंतर्राष्ट्रीय मामले समाचार में: ब्रिटेन ने चीन की दूरसंचार कंपनी हुवाई (Huawei) पर प्रतिबंध, यह चिंता जताते हुए लगाया कि हुवाई उपकरण चीनी सरकार को ब्रिटेन के नेटवर्क में घुसपैठ करने की अनुमति दे सकता है । अमेरिका ने सुरक्षा सहयोग में कटौती करने की धमकी दी है जब तक कि ब्रिटेन हुवाई को डंप नहीं कर देता है। इस फैसले से 5जी रोल आउट में देरी होगी और लाखों पाउंड का खर्च होगा। स्पाइक-एलआर (लंबी दूरी) एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें भाग:  GS Prelims - रक्षा समाचार में: भारतीय सेना इजरायल से स्पाइक-एलआर (लंबी दूरी) एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल खरीदने के रिपीट ऑर्डर (दुबारा मंगाने) के लिए तैयार है। इससे पहले सेना ने अमेरिका से 72,400 सिग सउर असॉल्ट राइफलें (Sig Sauer assault rifles) खरीदने के लिए रिपीट ऑर्डर देने का फैसला किया था। तुर्की ने हागिया सोफिया संग्रहालय को मस्जिद में परिवर्तित कर दिया भाग:  GS Prelims and Mains I and II - अंतर्राष्ट्रीय मामले; विश्व इतिहास; संस्कृति समाचार में: हाल ही में तुर्की की सर्वोच्च अदालत ने लगभग 1,500 साल पुराने हागिया सोफिया संग्रहालय को एक मस्जिद में बदलने की अनुमति दी। यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध सदियों पुरानी संरचना, मूल रूप से 1453 में एक मस्जिद में बदल जाने से पहले बाइज़ेंटाइन साम्राज्य में एक कैथेड्रल था, जब कॉन्स्टेंटिनोपल पर सुल्तान मेहमत द्वितीय के अंतर्गत ओटोमन बलों द्वारा अधिकार कर लिया गया था। लेकिन 1930 के दशक में तुर्की गणराज्य के संस्थापक मुस्तफ़ा कमाल अतातुर्क ने मस्जिद को बंद कर दिया तथा देश को अधिक धर्मनिरपेक्ष बनाने की कोशिश में इसे संग्रहालय में तब्दील कर दिया था। हागिया सोफिया की स्थिति में बदलाव यूनेस्को सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बार-बार चेतावनी देने के बाद, यह सुनिश्चित करने के लिए कि तुर्की इन योजनाओं के साथ आगे नहीं बढ़े, आया है।  हागिया सोफिया का इतिहास इस्तांबूल में इस प्रतिष्ठित संरचना का निर्माण 532 ई. में बाइज़ेंटाइन साम्राज्य के शासक जस्टिनियन प्रथम के शासनकाल के दौरान शुरू हुआ, जब शहर को कॉन्स्टेंटिनोपल के रूप में जाना जाता था। संरचना मूल रूप से पूर्वी रूढ़िवादी चर्च के प्रमुख का स्थान बनाने के लिए किया गया था और जो लगभग 900 वर्षों तक ऐसा ही बनी रही। 1453 में, जब कॉन्स्टेंटिनोपल पर सुल्तान मेहमत द्वितीय के अंतर्गत ओटोमन बलों द्वारा अधिकार कर लिया गया, हागिया सोफिया पर आक्रमणकारी शक्तियों ने हमला करा और कुछ ही दिनों बाद मस्जिद में बदल दिया गया।स्मारक की संरचना में तब कई आंतरिक और बाहरी परिवर्तनों को किया गया था जहां रूढ़िवादी प्रतीकों को हटा दिया गया था या पुताई कर दी गई थी और मीनारों को संरचना के बाहरी हिस्से में जोड़ा गया था। लंबे समय तक हागिया सोफिया इस्तांबुल की सबसे महत्वपूर्ण मस्जिद थी। 1934 में, अतातुर्क ने आदेश दिया कि हागिया सोफिया को एक संग्रहालय में बदल दिया जाए। जिसे 1935 में जनता के लिए खोला गया। (मुख्य लेख) अंतर्राष्ट्रीय/ अर्थव्यवस्था विषय: सामान्य अध्ययन 2,3: भारत और इसके पड़ोसियों से संबंध। भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव  अवसर की समाप्ति: भारत के चाबहार परियोजना में अवसर की समाप्ति संदर्भ : ईरान ने इस परियोजना की शुरुआत में भारत की ओर से धन में देरी का हवाला देते हुए चाबहार बंदरगाह रेल परियोजना के साथ अकेले आगे बढ़ने का फैसला किया है। क्या आप जानते हैं? चाबहार बंदरगाह ओमान की खाड़ी पर स्थित है और पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से केवल 72 किमी दूर है जिसे चीन ने विकसित किया है। कांडला और चाबहार पोर्ट के बीच की दूरी नई दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी से भी कम है। 2003 में हस्ताक्षरित चाबहार बंदरगाह को भारत, ईरान और अफग़ानिस्तान ने संयुक्त रूप से विकसित किया था। सरकार ने 2018 में अफग़ानिस्तान को निर्यात किया था तथा कार्गो सहित आधा लाख टन से अधिक अनाज और खाद्य आपूर्ति बंदरगाह के माध्यम से अफग़ानिस्तान में भेजा गया है। चाबहार बंदरगाह का महत्व यह ईरान के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देता है, जो भारत के लिए एक प्रमुख तेल आपूर्तिकर्ता है । इससे भारत को अफग़ानिस्तान, रूस और यूरोप तक पहुंच मिलेगी, इस तरह पाकिस्तान को बाइपास कर दिया जाएगा। बंदरगाह और रेल परियोजना (अफग़ानिस्तान सीमा के पास चाबहार से जहेदान से ज़रंग तक) कनेक्टिविटी, ऊर्जा आपूर्ति और व्यापार में वृद्धि करेगी। यह बंदरगाह अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) में भी एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो भारत के बीच ईरान के रास्ते रूस तक माल ढुलाई करने के लिए जहाज़ों, रेल और सड़क मार्गों का एक मल्टी-मॉडल नेटवर्क है । इससे बुनियादी ढांचे और शिक्षा परियोजनाओं के जरिए अफग़ानिस्तान के विकास में भारत की भूमिका को सुगम बनाया जा सकेगा। ईरान के हालिया कदम को भारत  की असफलता क्यों माना जा रहा है? भारत और ईरान चाबहार बंदरगाह से जहेदान तक 628km की रेल लाइन बनाने पर सहमत हुए थे, जिसे अफग़ानिस्तान में सीमा पार जरांज तक बढ़ाया जाना था। इस रेल लाइन को भारत ने अफग़ानिस्तान और मध्य एशिया के लिए एक वैकल्पिक व्यापार मार्ग के रूप में माना था। राज्य के स्वामित्व वाली भारतीय रेलवे निर्माण लिमिटेड (IRCON) ने 2016 में ईरानी रेल मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे, तथा सभी सेवाएं, अधिरचना (superstructure ) कार्य और वित्तपोषण (लगभग 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर) प्रदान करने का वादा किया था। ईरान की ताजा कार्रवाई चीन के साथ 400 अरब डॉलर के 25 साल के रणनीतिक भागीदारी समझौते को अंतिम रूप देने वाले ईरान की पृष्ठभूमि में है। ईरान की कार्रवाइयों के कारण अमेरिकी प्रतिबंधों के डर के कारण भारतीय फंडिंग में देरी: इरकॉन के इंजीनियरों द्वारा कई साइट यात्राओं और ईरानी रेलवे द्वारा तैयारियों के बावजूद, भारत ने कभी भी यह काम शुरू नहीं किया, यह चिंता जताते हुए कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रतिबंधों को लागू कर सकता है। द्विपक्षीय संबंधों में रुकावट: भारत ने अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण ईरान से अपने तेल आयात को पहले ही खत्म कर दिया है। फरवरी 2020 में ईरान के साथ द्विपक्षीय संबंध प्रभावित हुआ, जब दिल्ली में हुए दंगों की ईरान ने निंदा की।  रसद खरीद में कठिनाइयाँ: संयुक्त राज्य अमेरिका ने चाबहार बंदरगाह और रेल लाइन के लिए प्रतिबंध छूट प्रदान की थी लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लक्षित किए जाने की चिंता के कारण उपकरण आपूर्तिकर्ताओं और भागीदारों को ढूंढना मुश्किल था।  चीन के साथ एक बेहतर सौदा: 400 बिलियन डॉलर के इस सौदे में चाबहार के ड्यूटी-फ्री ज़ोन में चीनी भागीदारी, पास में एक तेल रिफ़ाइनरी और संभवतः चाबहार बंदरगाह में एक बड़ी भूमिका शामिल है। बढ़ते हुए ईरान-चीन संबंध: ईरान ने 2019 में ग्वादर और चाबहार में चीन द्वारा संचालित पाकिस्तानी बंदरगाह के बीच टाई-अप का प्रस्ताव रखा तथा चाबहार से 350 किलोमीटर दूर बंदर-ए-जस्क बंदरगाह के साथ-साथ चाबहार शुल्क मुक्त क्षेत्र में चीन के हितों की पेशकश की। निष्कर्ष एक ऐसा विश्व जहां कनेक्टिविटी को नई मुद्रा के रूप में देखा जाता है, भारत का नुकसान चीन का लाभ बन सकता है ।  Connecting the dots: स्ट्रिंग आफ पर्ल्स सिद्धांत  चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव अर्थव्यवस्था/ शासन विषय: सामान्य अध्ययन 2,3: पशु पालन का अर्थशास्त्र। सरकारी नीतियाँ और उनकी योजना और कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे।  डेयरी सहकारी समितियां: आत्मनिर्भर भारत की प्राप्ति के लिए एक मॉडल संदर्भ: आत्मनिर्भर भारत अभियान का उद्देश्य यह है की COVID -19 पश्चात् आर्थिक पुनर्निर्माण में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है।  आत्मनिर्भरता दो विषयों पर ध्यान देकर हासिल की जा सकती है: 'वोकल फॉर लोकल' और 'लोकल टू ग्लोबल' । क्या आप जानते हैं? भारत पिछले 22 वर्षों से दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश रहा है। वर्तमान में, भारत का दुग्ध उत्पादन लगभग 188 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) है- 2018-19 में, जो विश्व दुग्ध उत्पादन का लगभग 21% है। दुग्ध क्षेत्र का महत्व राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान लगभग 4.5% है। यह लगभग 100 मिलियन ग्रामीण परिवारों के लिए आय का प्राथमिक स्रोत है- जिनमें ज्यादातर भूमिहीन, छोटे या सीमांत किसान हैं। कृषि अर्थव्यवस्था के कुल मूल्य में से लगभग 28% (8 लाख करोड़ रुपये या 110 अरब डॉलर) का योगदान डेयरी द्वारा किया जाता है। भारत में दुग्ध उत्पादन पिछले 20 वर्षों में 4.5% के CAGR से बढ़ रहा है, जबकि दुनिया के 2% CAGR से भी कम है। इस उच्च वृद्धि ने भारत को विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती आबादी को अवशोषित करने में सक्षम बनाता है। दुग्ध क्षेत्र और आत्मनिर्भरता दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भरता दशकों पहले हासिल की गई थी । 1970 के दशक की शुरुआत में, भारत का दूध उत्पादन अमेरिका का सिर्फ एक तिहाई और यूरोप का आठवां हिस्सा था। वर्तमान में भारत का दुग्ध उत्पादन अमेरिका से दोगुना और यूरोप की तुलना में 25 फीसद अधिक है। इस आत्मनिर्भरता को कैसे हासिल किया गया? 1970 के दशक के दौरान, अधिकांश डेयरी किसानों को बिचौलियों की लंबी श्रृंखला और संगठित बाजारों तक पहुंच की कमी के कारण लाभकारी रिटर्न नहीं मिला। तीन स्तरीय सहकारी मॉडल को अपनाने के बाद परिदृश्य बदल गया, जिसे श्वेत क्रांति के तीन चरणों के कार्यान्वयन के साथ अमूल मॉडल के रूप में जाना जाता है। इससे न केवल भारत दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया बल्कि विश्व स्तर पर दूध का सबसे बड़ा उपभोक्ता भी बन गया। भारत में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता प्रति व्यक्ति 400 ग्राम प्रति दिन के आसपास है, जो प्रति व्यक्ति 300 ग्राम प्रति दिन से कम वैश्विक औसत से अधिक है।  दुग्ध उत्पादन में भारत की आत्मनिर्भरता को बनाए रखने के लिए क्या करने की आवश्यकता है? निजी निवेश का समर्थन भारतीय डेयरी सहकारी समितियां और निजी कंपनियां अगले दशक में 4.5-4.8 करोड़ लीटर प्रतिदिन की अतिरिक्त दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता उत्पन्न कर सकती हैं। इस वृद्धि को सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान डेयरी और मत्स्य पालन के लिए एक वित्तीय पैकेज की घोषणा की गई थी। इसमें डेयरी प्रसंस्करण, मूल्य वर्धन और पशु चारे के बुनियादी ढांचे में निजी निवेश को समर्थन देने के लिए 15,000 करोड़ रुपये मूल्य के पशु पालन बुनियादी ढाँचा विकास कोष (AHIDF) का निर्माण शामिल है। प्रस्तावित फंड को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के माध्यम से चैनलाइज किया जाना चाहिए। डेयरी किसानों तक किसान क्रेडिट कार्ड योजना का विस्तार सरकार ने इस विस्तार की घोषणा की है कि इसे ज़मीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करना चाहिए। इससे नकदी प्रवाह सुनिश्चित होगी तथा लघु किसानों की कार्यशील पूँजी की आवश्यकता पूरी होगी। समग्र दृष्टिकोण असंगठित किसानों को असंगठित क्षेत्र से संगठित क्षेत्र में लाने के लिए समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। यह कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs), सामान्य सेवा केंद्रों (CSCs), व्यापार संवाददाताओं (BCs) कमोडिटी एक्सचेंजों और डिजिटल बाजारों को मजबूत करने, नीतियों को मजबूत करने की इच्छाओं का अभिसरण है।  इसका रुझान यह सुनिश्चित करने पर होना चाहिए कि डेयरी किसानों को मूल्य वर्धन के माध्यम से होने वाली आय का उचित हिस्सा मिले। डेयरी क्षेत्र को भी राष्ट्रीय नीति के हिस्से के रूप में 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के प्रस्तावित निर्माण में अपनी पर्याप्त हिस्सेदारी रखने की आवश्यकता है ताकि बेहतर अभिसरण के लिए एफपीओ (FPOs) को तैयार किया जा सके। विदेशी कंपनियों से डेयरी किसानों की रक्षा करना दूध-अधिशेष आर्थिक रूप से विकसित देशों से सस्ता आयात करने की अनुमति देने से भारतीय डेयरी किसानों को कड़ी टक्कर मिल सकती है। भारत ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) से स्वयं को वापस ले लिया, जिसमें घरेलू डेयरी क्षेत्र को प्रभावित करने वाले सस्ते डेयरी आयात के बारे में आशंकाओं का हवाला दिया गया।  Connecting the dots: आरसीईपी (RCEP) 97वां संविधान संशोधन अधिनियम (TEST YOUR KNOWLEDGE) मॉडल प्रश्न: (You can now post your answers in comment section) ध्यान दें: आज के प्रश्नों के सही उत्तर अगले दिन के डीएनए (DNA) सेक्शन में दिए जाएंगे । कृपया इसे देखें और अपने उत्तरों को अपडेट करें। Comments Up-voted by IASbaba are also the “correct answers”. Q.1) नीचे दिए गए अनुच्छेद में यह प्रावधान है कि राज्य पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने तथा देश के वनों और वन्यजीवों की रक्षा करने का प्रयास करेगा? अनुच्छेद 48A अनुच्छेद 49A अनुच्छेद 51-A (जी) अनुच्छेद 50 Q.2) द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौता (BTIA) किन देशों से संबद्ध है?  भारत और चीन भारत और यूरोपीय देश भारत और अमेरिका भारत और रूस Q.3) विभिन्न व्यापार समझौतों से संबंधित, निम्नलिखित परिभाषाओं पर विचार करें: पीटीए (PTA) दो या दो से अधिक देशों के बीच ऐसी व्यवस्थाएं हैं जो मुख्य रूप से सीमा शुल्क और उनके बीच पर्याप्त व्यापार पर गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने या खत्म करने के लिए सहमत होते हैं । सीमा शुल्क संघ (Custom union) वह व्यवस्था है जिसमें साझेदार देश आपस में शून्य शुल्क पर व्यापार करने का निर्णय ले सकते हैं; हालांकि वह दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए आम टैरिफ बनाए रखते हैं । आर्थिक संघ (Economic Union) राजकोषीय/ मौद्रिक नीतियों और साझा कार्यकारी, न्यायिक और विधायी संस्थानों के सामंजस्य के माध्यम से विस्तारित एक साझा बाजार है । उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है? केवल 1 केवल 1 और 2 केवल 2 और 3 केवल 1, 2 और 3 Q.4) समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCLOS) के बारे में, निम्नलिखित बयानों पर विचार करें: संयुक्त राज्य अमेरिका इस कन्वेंशन का हिस्सा नहीं है । इस कन्वेंशन के तहत इंटरनेशनल सीबेड अथॉरिटी (ISA) की स्थापना की गई है ।  उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है? केवल 1 केवल 2 1 और 2 दोनों न तो 1 और न ही 2 Q.5) हागिया सोफिया के संदर्भ में, नीचे दिए गए कथनों पर विचार करें: यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध है। इस प्रतिष्ठित संरचना का निर्माण बाइज़ेंटाइन साम्राज्य के दौरान आरंभ हुआ था।  उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है?  केवल 1 केवल 2 1 और 2 दोनों न 1 और न ही 2 ANSWERS FOR 14th July 2020 TEST YOUR KNOWLEDGE (TYK)  1 B 2 A 3 D 4 B 5 A अवश्य पढ़ें Chana’s के संबंध में भारतीय नीति की दुविधा:  द हिंदू महामारी के बेहतर प्रबंधन के लिए वैज्ञानिकों को सुनना: द हिंदू भारत के लिए गूगल की निवेश योजना के बारे में: द इंडियन एक्सप्रेस

Motivational Articles

Creative Guidance – Science of Silence Continued – Inspirational Educative Articles

  Science of Silence (Continued): At the same time, meditation is something more than just a science; it is a mystical experience. A mystical experience does not fall within the boundaries of linear time and logic. That’s why it’s mystical; it happens quickly, it happens suddenly, it happens in a moment, it happens without notice. If you can explain it, then it’s science. If you cannot explain it and yet you can feel the effects of it and you can experience something, then that is mystical. One part of meditation is all about the method: Practice, dedication, focus, and continuing your practice. You can track your progress in months or in years. This is all part of the science of meditation. Another part of meditation does not happen from the past to the future. It does not move in a linear fashion. It happens from this moment to a deeper moment. While you are thinking that you’re going ahead in meditation, you’re actually going deeper. This going deeper cannot be measured, because we have no way to measure the depth of anything. We can measure things that move from left to right or top to bottom; we can measure things that move in our spatial dimension. All of the things that happen within that other dimension, the fourth dimension of space where emotions and feelings happen; where the depth of perception happens, cannot be captured. The most important thing that happens to us as human beings, as we grow into something, as we evolve into something, cannot be captured and cannot be seen. That part is the mystical part of meditation. It is beyond our comprehension. It is not just “ABC”; it is something else. The real part of meditation is a jump from this moment to this moment. That jump can happen anytime. When it happens, it happens to you as if it’s happening for the first time. That is why the real shift in meditation happens as if you were sitting in meditation for the first time. “This article is a part of the creative endeavor of Meditation Farm and IASBABA.”

DAILY CURRENT AFFAIRS IAS | UPSC Prelims and Mains Exam – 25th JULY 2020

Archives (PRELIMS + MAINS FOCUS) Police atrocity against special needs child Part of: GS Mains II and IV – Governance issue; Police Reforms; Ethics  In news:  Assam police have ordered an inquiry into the caning of a special child by a policeman during lockdown.   Section 92 of the Rights of Persons with Disabilities Act, 2016 discusses the punishment for atrocities against persons with disability.  No business as usual with China  Part of: GS Prelims and Mains II – India and China relations; Multilateral fora  Context:  India has made it clear to China that it will not be business as usual until there is a complete disengagement along the LAC.  However, India’s engagement with China on multilateral for a like Brazil­-Russia-­India-­China-­South Africa (BRICS), Russia-­India-­China (RIC) and Shanghai Cooperation Organisation (SCO) were expected to continue.   External Affairs Minister to attend Foreign Ministers’ meetings of BRICS and SCO due to be held next month.  Russia, which is hosting this year’s summits, has proposed September 10 for the meetings for both.  The MEA said both sides agreed that “early and complete disengagement of the troops along the Line of Actual Control (LAC) and de-escalation from India-China border areas in accordance with bilateral agreement and protocols and full restoration of peace and tranquillity was essential for smooth overall development of bilateral relations.”  India-Israel to strengthen ties  Part of: GS Prelims and Mains II and III - India-Israel ties; International relations or bilateral relations; Defence  In news:  India invited greater participation from Israeli defence companies under the new liberalised foreign direct investment (FDI) regime in defence manufacturing.  Indian Armed Forces are undertaking a series of emergency defence purchases, including from Israel, amid ongoing tensions with China on the border.  Do you know?  In May, the government increased the limit for FDI in defence through the automatic route from 49% to 74%.   India and Israel are also collaborating in research to fight the COVID­19 pandemic.  India’s defence deal with Israel – India to order more Spike Anti­-Tank Guided Missiles (ATGM) and additional Heron Undermanned Aerial Vehicles (UAV) from Israel.  China asked U.S. to shut Chengdu consulate  Part of: GS Mains II – International affairs; Cold War-­style diplomacy  In news:  China ordered the U.S.  to shut Chengdu consulate in retaliation for one of its missions in the US being shuttered.  U.S. ­China ties have deteriorated sharply this year over issues ranging from the pandemic and telecoms­-gear maker Huawei to China’s territorial claims in the South China Sea and its clampdown on Hong Kong  Recent issues - arrests of Chinese researchers at U.S. universities and closure of consulates from both countries.  U.S. accused Russia of testing weapon in space Part of: GS Mains II – International affairs; Cold War-­style diplomacy  In news:  U.S. and U.K. accused Russia of testifying an anti-­satellite weapon in space.  U.S. Space Command said it “has evidence” that Moscow “conducted a non­-destructive test of a space-­based anti-satellite weapon” on July 15.  Do you know?  New START treaty caps the nuclear warheads of the U.S. and Russia — the two Cold War­-era superpowers.  Under the Treaty, the United States and Russia must meet the Treaty’s central limits on strategic arms.   Each Party has the flexibility to determine for itself the structure of its strategic forces within the aggregate limits of the Treaty.   The treaty has no Constraints on Missile Defense and Conventional Strike.  India and Sri Lanka seek to reset ties  Part of: GS Prelims and Mains II – India-Sri Lanka ties; Bilateral relations  In news:  Sri Lanka, India and Japan in 2019 had agreed to jointly develop East Container Terminal (ECT) project at the Colombo Port.   However, in early July, Sri Lanka Prime Minister told that there was no final decision taken on the project, when opposition parties protested that Sri Lanka was giving away national assets to India.  As per the 2019 tripartite Memorandum of Cooperation, Sri Lanka’s Port Authority was to retain 100% ownership of the facility.  Line of Credit to Sri Lanka  Reserve Bank of India has agreed to a $400 million currency swap facility for Sri Lanka till November 2022.  The Central Bank of Sri Lanka had sought the swap facility to help bolster the pandemic hit island nation’s foreign exchange reserves.  Do you know?  Sri Lanka owes $960 million to India  (MAINS FOCUS) ECONOMY/ GOVERNANCE Topic: General Studies 3 Indian Economy and issues relating to planning, mobilization, of resources, growth, development and employment.  Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.  Non Personal Data regulation – Part II Click Here for Part I of the Article  Criticism of the report  1. The data sets will heavily favour big tech companies. Only big tech companies possess the capital and infrastructure to create such large volumes of data. Others will find it difficult to match the capabilities of these technology giants.  2. Issues with IPR As a signatory to Trade-Related Aspects of Intellectual Property Rights (TRIPS), India extended copyright protection to computer databases in 1999.  In such a scenario, there is a challenge of demarcation between non-personal data that cannot be shared, and non-copyright non-personal data that can be used as a public resource.  3. Issues with Data Communities The idea of communities as data principals is introduced ambiguously by the report.   While it provides examples of what might constitute a community, e.g. citizen groups in neighbourhoods, there is little clarity on the rights and functions of the community.   4. Issues with Data Custodians Data custodians are thos who undertake collection, storage, processing, and use of data in a manner that is in the best interest of the data principal.   It is not specified if the data custodian can be the government or just private companies  Suggestion that data custodians can potentially monetise the data they hold is especially problematic as this presents a conflict of interest with those of the data principal communities.  5. Issues with Data Trustees Data trustees is envisaged by the report as a way for communities to exercise data rights. Trustees can be governments, citizen groups, or universities.   However, the relationship between the data principal communities and the trustees is not clear.  It is also not clear how trustees are empowered to act on behalf of the community.   6. Issues with Data Trusts The report explains data trusts comprising specific rules and protocols for containing and sharing a given set of data.   Trusts can hold data from multiple custodians and will be managed by public authority.   The power, composition and functions of the trust are not established.  7. There is no clarity over thegrievance redressal mechanism in the committee’s report.  8. For a country that does not have a personal data protection bill, the setting up of a committee to regulate non-personal data seems premature. Way Ahead  Balance Economics & Public Interest: Like many other countries, India too will have to define non-personal data in a manner that protects intellectual property rights, serves genuine public interest and promotes innovation.  France Model: India can learn from France’s National Strategy on Artificial Intelligence policy, which encourages economic players to share and pool their data with the state acting as a trusted third party.  France’s policy even empowers public authorities to impose openness on certain data because of its societal benefits.  EU’s philosophy on NPD: India can also look towards the European Union’s Regulation on the Free Flow of Non-Personal Data, which recognises the free flow of non-personal data as a prerequisite of a competitive economy.  Connecting the dots  K.S. Puttaswamy Case & Right to Privacy  Justice BN Srikrishna committee report on data protection law  SOCIETY/ POLITY/ GOVERNANCE Topic: General Studies 1 and 2 Social empowerment   Powers, functions and responsibilities of various Constitutional Bodies. Mechanisms, laws, institutions and Bodies constituted for the protection and betterment of these vulnerable sections.  National Commission for SCs – Needs to be reimagined Context:  In 2020, new thoughts and new actions are needed by National Commission for Scheduled Castes, to advance the socio-economic empowerment of the Dalits.  About National Commission for Scheduled Castes (NCSC)  The NCSC is a constitutional body that works to safeguard the interests of the scheduled castes in India. Article 338 of the constitution of India deals with this commission.  It seeks to offer the SC community protection from discrimination and exploitation, as well as providing facilities to uplift the SC community.   Some of the functions of NCSC include   Enquiring into complaints relating to the deprivation of the rights and safeguards of the SCs.  Monitoring and investigating all issues concerning the safeguards provided for the SCs under the constitution.  Taking part in and advising the central or state governments with respect to the planning of socio-economic development of the SCs.  Regular reporting to the President of the country on the implementation of these safeguards  Did You Know?  Initially, the constitution provided for the appointment of a Special Officer under Article 338.This special officer was designated as the Commissioner for Scheduled Castes and Scheduled Tribes.  The 46th Amendment to the constitution replaced the one-member system with a multi-member National Commission for Scheduled Castes and Scheduled Tribe  The 89th Amendment in 2003 replaced this Commission with the following with effect from 2004:  National Commission for Scheduled Castes  National Commission for Scheduled Tribes  What are the steps that can be taken by the NCSC?  1. Strengthen the legal and judicial protection under the Scheduled Castes and Tribes (Prevention of Atrocities) Act. There is a need to develop SOPs for filing and investigating cases under relevant laws and make them available in all languages at all police stations.  There is also a need to reward prosecutors who succeed in getting convictions in cases charged under the SC/ST Act  There should be online reporting and tracking of crimes, irrespective of jurisdiction.  Enhanced training and capacity building of judges, lawyers, and policemen, so that they are sensitive to issues faced by SCs   Creating internal structures within government organisations to respond to complaints — just like internal complaints committees for sexual harassment   2. To make existing government efforts more effective and participatory Each ministry is supposed to set aside 15% of its spending in a Scheduled Caste Sub Plan (SCP), but often their outcomes are insignificant.   NCSC should work with legislators to identify four or five priorities across all government schemes and reorient all spending (SCP) around those priorities.  There is also a need to track the output of SCPs every quarter/month through a dashboard, just as the Niti Aayog tracks development in the “Aspirational Districts”.  3. Incentivising Good Work There can be a monthly recognition and reward for departments that do the best in improving the status of SCs  There can also be ranking of states for their innovation, effectiveness, and impact in uplifting the socio-economic status of SCs— just as cities are ranked for cleanliness.  4. Engaging with Civil Society Social change is catalysed through civil society, corporations, and communities.   For that the Commission can create a platform for structured engagement with civil society groups working on Dalit issues  There is a need for NCSC to engage with young representatives of SCs as their aspirations would be different from previous generations  NCSC can also help create a network of Scheduled Caste alumni of IIMs and IITs and encourage them to suggest and implement ideas within and around their own organisations that advance economic empowerment of Dalits  5. Facilitating economic empowerment and entrepreneurship. NSCS needs to strengthen the scheme of reservations in public sector procurement.  NCSC should promote subsidised and short-term management training courses for SC entrepreneurs who want to expand and learn new skills.  Members of Scheduled Castes are not usually landowners or agriculturists. So they need help in integrating and competing with local and other markets which can be done by NCSC through mentoring and other non-financial support.  6. Cultural advancement of Dalits Jobs and schemes and policing are not the only things to improve the social status of Scheduled Castes  Cultural advancement of Dalits using new and old media is needed to break stereotypes regarding SCs  NCSC can reward film-makers/ photographers/ artists whose works reflect Dalit concerns or Dalit pride.  NCSC can also work with I&B Ministry to fund a TV series that portrays the challenges that Dalits face in a sensitive and engaging way.  Conclusion  Tasks of the National Commission for SCs should be reimagined to make it a transformative agency for the Dalit community  Connecting the dots: National Commission for Scheduled Tribes  Issue of reservation in Promotions (TEST YOUR KNOWLEDGE) Model questions: (You can now post your answers in comment section) Note:  Correct answers of today’s questions will be provided in next day’s DNA section. Kindly refer to it and update your answers.  Comments Up-voted by IASbaba are also the “correct answers”. Q.1) New START treaty is associated with - India and Sri Lanka India and Israel US and Russia US and China Q.2) Consider the following National Commission for SCs and STs were separated into two bodies by 89th Constitutional Amendment Act National Commission for SCs consists of a chairperson, a vice-chairperson and three other members appointed by the Parliament Select the correct statements 1 only 2 only Both 1 and 2 Neither 1 nor 2 Q.3) Which one among the below given bodies is not a statutory body? National Commission for SCs/STs National Commission for Women National Commission for Protection of Child Rights National Commission for Backward Classes ANSWERS FOR 24th July 2020 TEST YOUR KNOWLEDGE (TYK) 1  D  2  A 3  A  4  D  Must Read About Rajasthan Political Crisis and Judicial Indiscipline The Hindu About gender barriers in Indian Army The Hindu On Case for Presidential System The Indian Express

DAILY CURRENT AFFAIRS IAS | UPSC Prelims and Mains Exam (हिंदी) – 14th JULY 2020

Archives (PRELIMS + MAINS FOCUS) पद्मनाभस्वामी मंदिर का मुद्दा भाग: GS Prelims and Mains I and II - संस्कृति; मौलिक अधिकार; धर्मनिरपेक्षता  समाचार में:  सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही के अपने फैसले में केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन में त्रावणकोर शाही परिवार के शेबेट अधिकारों (Shebait rights) को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट बेंच ने कहा है कि पूर्ववर्ती त्रावणकोर शाही परिवार को भगवान विष्णु से संबंधित संपत्तियों का प्रबंधन करने का अधिकार होगा, जिन्हें 'अनंत शयन' मुद्रा में पूजा जाता है। क्या आप जानते हैं? जुलाई 1991 में त्रावणकोर शासक श्री चिथिरा थिरुनल बालराम वर्मा की मृत्यु के बाद इस बात पर विवाद हो गया था कि क्या मंदिर और उसकी संपत्ति केरल सरकार को हस्तांतरित की जानी चाहिए। केरल उच्च न्यायालय ने 2011 में राज्य को निर्देश दिया था कि वह मंदिर को अपने अधिकार में ले तथा एक संग्रहालय में जनता के दर्शन हेतु इसके खजाने का प्रदर्शन करे। अनुच्छेद 25 और 26 इस मुद्दे से संबंधित है। अनुच्छेद 25- अंत:करण की तथा धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता अनुच्छेद 26- सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के अधीन धार्मिक मामलों का प्रबंधन करने की स्वतंत्रता, हर धार्मिक संप्रदाय या किसी भी वर्ग के समूह को अधिकार होगा।  धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संस्थाओं की स्थापना और रखरखाव करना; अपने धर्म विषयक कार्यों का प्रबंधन करना; चल और अचल संपत्ति का अर्जन एवं स्वामित्व तथा  कानून के अनुसार ऐसी संपत्ति का प्रशासन करना शेबेट के बारे में  एक ऐसा व्यक्ति है जो देवता की सेवा और समर्थन करता है तथा देवोत्तर (debuttar) परिसंपत्ति के प्रबंधक के रूप में काम करता है। मंदिर या मंदिर की भूमि या इस प्रकार की संपत्तियां जो देवता के पास निहित हैं, उन्हें शेबेट द्वारा प्रबंधित किया जाता हैं। शेबेट एकमात्र ऐसा व्यक्ति है जिसके पास देवता या देवी की ओर से बात करने की शक्ति है। उसके पास देवता के सभी मामलों से निपटने की शक्ति है। ईरान ने चाबहार रेल परियोजना से भारत को हटाया  भाग: GS Prelims and Mains II - भारत और ईरान द्विपक्षीय संबंध; अंतर्राष्ट्रीय संबंध समाचार में: ईरानी सरकार ने चाबहार रेल परियोजना के निर्माण को अपनी स्वयं क्षमता पर आगे बढ़ाने का फैसला किया है। भारत और ईरान ने अफग़ानिस्तान की सटी सीमा पर चाबहार बंदरगाह से जहेदान तक रेल लाइन बनाने के समझौते (4 साल से पहले) पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि ईरान ने वित्तपोषण और परियोजना आरंभ करने में भारत की ओर से हो रही देरी का हवाला देते हुए भारत को इस समझौते से हटा दिया है। क्या आप जानते हैं?  भारत चाहता था कि रेलवे लाइन को भारत, ईरान और अफग़ानिस्तान के बीच त्रिपक्षीय समझौते के हिस्से के रूप में बनाया जाए, जिसका इस्तेमाल अफग़ानिस्तान और मध्य एशिया के लिए वैकल्पिक व्यापार मार्ग के रूप में किया जा सके। ईरान की यह घोषणा चीन की ईरान के साथ 25 वर्षीय, 400 मिलियन डॉलर की रणनीतिक साझेदारी समझौते को अंतिम रूप देने के बाद की गई है, जिससे भारत की योजनाओं पर असर पड़ सकता है। चाबहार बंदरगाह के बारे में  मकरान तट पर स्थित है।  ईरान का दक्षिण-पूर्वी तट है।  यह अपेक्षाकृत अविकसित मुफ्त व्यापार और औद्योगिक क्षेत्र है। (पश्चिम में बंदर अब्बास के विशाल बंदरगाह की तुलना में)  यह ऊर्जा से प्रचुर पारस की खाड़ी में स्थित ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है। यह पारस की खाड़ी के बाहर स्थित है और पाकिस्तान को बाइपास करते हुए भारत के पश्चिमी तट से आसानी से पहुंचा जाता सकता है। ईरान और चीन 25 वर्षीय रणनीतिक साझेदारी को अंतिम रूप करेंगे   भाग : GS Prelims and Mains II - अंतरराष्ट्रीय मामले; भारत के हितों को प्रभावित करने वाली नीतियाँ  समाचार में:  ईरान और चीन 25 वर्षीय रणनीतिक साझेदारी को अंतिम रूप देने के करीब हैं। ईरान और चीन के बीच सहयोग के लिए व्यापक योजना में चाबहार के शुल्क मुक्त क्षेत्र में चीन की भागीदारी, चाबहार बंदरगाह के पास में एक तेल रिफ़ाइनरी और संभवतः चाबहार बंदरगाह में भी एक बड़ी भूमिका शामिल होगी। ईरान ने चाबहार बंदरगाह से जहेदान तक रेल लाइन के निर्माण को अपनी स्वयं की क्षमता पर करने का फैसला किया, जिससे भारत को हटा दिया गया है, जिसने 2014 में समझौते  पर हस्ताक्षर किए थे। क्या आप जानते हैं?  ईरान ने पिछले साल चीन द्वारा संचालित पाकिस्तानी बंदरगाह ग्वादर और चाबहार के बीच गठजोड़ का प्रस्ताव रखा था, तथा चाबहार से 350km दूर बंदर-ए-जस्क बंदरगाह के साथ-साथ चाबहार शुल्क मुक्त क्षेत्र में चीन के हितों की पेशकश की थी।  ईरान-चीन समझौते का असर ईरान के साथ भारत के 'रणनीतिक संबंधों' और चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल पर पड़ता है। पाकिस्तान-अफगानिस्तान पारगमन व्यापार समझौता भाग : GS Prelims and Mains II - अंतरराष्ट्रीय मामले; भारत के हितों को प्रभावित करने वाली नीतियां समाचार में:  पाकिस्तान-अफगानिस्तान पारगमन व्यापार समझौता के तहत पाकिस्तान की प्रतिबद्धता के अंतर्गत अफग़ानिस्तान को 15 जुलाई से वाघा सीमा के रास्ते भारत में सामान भेजने की अनुमति देगा।  इस फैसले से भारत को अफग़ानिस्तान के लिए निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। क्या आप जानते हैं?  पाकिस्तान और भारत दोनों ने महामारी की चुनौती से निपटने के लिए मार्च से वाघा सीमा के माध्यम से व्यापार को निलंबित कर दिया है। हालांकि पाकिस्तान अफग़ानिस्तान को भारतीय निर्यात की अनुमति देने को लेकर शांत है। गूगल भारत में 10 अरब डॉलर का निवेश करेगी भाग: GS Prelims and Mains III - अर्थव्यवस्था; निवेश; डिजिटल अवसंरचना समाचार में:  टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल अगले पांच से सात साल में भारत में 10 अरब डॉलर (75,000 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। यह निवेश अर्थव्यवस्था का डिजिटलीकरण करने और भारत-प्रथम उत्पादों और सेवाओं के निर्माण पर केंद्रित है।  निवेश डिजिटलीकरण के लिए मुख्य चार क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा -   हर भारतीय को अपनी भाषा में किफायती पहुंच और जानकारी प्राप्त करने के लिए सक्षम करना। ऐसे उत्पादों और सेवाओं का निर्माण करना जो भारत की महत्वपूर्ण ज़रूरतों के लिए गहराई से प्रासंगिक हैं। अपनी डिजिटल परिवर्तन यात्रा के अनुसार व्यवसायों को सशक्त बनाना, और स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि जैसे क्षेत्रों में सामाजिक भलाई के लिए प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करना।  कर्नाटक-तमिलनाडु आर्थिक कॉरिडोर  भाग : GS Prelims and Mains III - अवसंरचना; पर्यावरण के मुद्दे समाचार में:  पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति ने तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच एक आर्थिक गलियारे -सैटेलाइट टाउन रिंग रोड (STRR) के विकास के लिए पर्यावरण मंजूरी देने की सिफारिश की है। ग्रीनफील्ड हाईवे भारतमाला परियोजना का हिस्सा है तथा इसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा।  नई सड़कें बेहतर, तेज, सुरक्षित और सुचारु होने के साथ साथ दोनों राज्यों और क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी  प्रदान करेंगी। एनएचएआई (NHAI) ने कहा कि परियोजना के लिए 12,111 पेड़ काटे जाएंगे तथा संपत्ति और अन्य संरचनाओं के संबंध में 206 व्यक्ति प्रभावित होंगे। Important value additions  भारतमाला परियोजना के बारे में   यह राजमार्ग क्षेत्र के लिए एक नई अम्ब्रेला योजना है जो देश भर में माल ढुलाई और यात्री आवाजाही की दक्षता को अनुकूलित करने पर केंद्रित रहेगी।  यह आर्थिक गलियारों, अंतर गलियारों और फीडर मार्गों, राष्ट्रीय गलियारा दक्षता में सुधार, सीमा और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी सड़कें, तटीय और बंदरगाह कनेक्टिविटी सड़कें और हरित क्षेत्र एक्सप्रेसवे के विकास जैसे प्रभावी हस्तक्षेपों के माध्यम से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के अंतराल को पूरा करती है। यह भारत सरकार की केंद्र प्रायोजित और वित्त पोषित सड़क एवं राजमार्ग परियोजना है। यह भारत की अन्य प्रमुख योजनाओं जैसे सागरमाला, समर्पित माल-भाडा़ गलियारा (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर),औद्योगिक गलियारा (इंडस्ट्रियल कॉरिडोर) , उड़ान-आरसीएस, भारत नेट, डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया की सक्षमकर्ता और लाभार्थी दोनों है।  विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति के बारे में  यह केंद्र के साथ-साथ राज्य स्तरों पर मौजूद है (राज्य विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति या एसईईसी) इसका गठन विकास परियोजनाओं के पर्यावरणीय मंजूरी पर सरकार को सलाह देने के लिए किया गया है। जन सुनवाई को छोड़कर, ये सभी चरणों में शामिल होती हैं।  पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA)   यह एक प्रस्तावित परियोजना या विकास के संभावित पर्यावरणीय प्रभावों के मूल्यांकन की एक प्रक्रिया है । ईपीए (EPA) और ईआईए (EIA) दोनों पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत प्रदान किए जाते हैं। समाचार में स्थान/ क्षेत्र: मोंट ब्लैंक  इसके बारे में:  माउंट एल्ब्रस के बाद मोंट ब्लैक यूरोप का दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत है । यह आल्प्स और पश्चिमी यूरोप का सबसे ऊंचा पर्वत है। यह पर्वत ग्रेअन आल्प्स (Graian Alps) नामक श्रेणी में स्थित है, जो ओस्टा घाटी, इटली तथा सेवाई और हाउते-सेवाई, फ्रांस के क्षेत्रों के बीच है। चित्र: Mont Blanc (मुख्य लेख) राजनीति/ शासन विषय: सामान्य अध्ययन 2: स्थानीय स्तर तक शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण तथा उसमें चुनौतियाँ। सरकारी नीतियाँ और उनकी योजना तथा कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे। लोगों को स्वयं को नियंत्रित करने में सक्षम बनाना (Enabling people to govern themselves) संदर्भ: COVID-19 महामारी के परिणाम स्वरूप सभी स्तरों पर शासन प्रणाली, यानी वैश्विक, राष्ट्रीय, और स्थानीय स्तर, में तनाव का अनुभव किया गया है। COVID-19 समय के दौरान शासन की चुनौतियाँ समकालिक मुद्दे: कई उप-प्रणालियों (subsystems) की अस्थिर स्थितियों को भी एक ही समय में संभालना - स्वास्थ्य देखभाल, रसद, व्यापार, वित्त, और प्रशासन से संबंधित मुद्दे।  विरोधाभास: एक उप-प्रणाली के लिए समाधान, अन्य उप-प्रणालियों पर उलटा प्रभाव डाल रही है। उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य संकट का प्रबंधन करना आसान बनाने के लिए लॉकडाउन ने आर्थिक संकट का प्रबंधन कठिन बना दिया है। अन्य स्वास्थ्य मुद्दों से ध्यान हटा दिया है: COVID-19 द्वारा उत्पन्न जीवन के खतरे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए संसाधनों के डायवर्जन (परिवर्तन) से अन्य बीमारियों से मौत की संभावना बढ़ गई है, तथा यहां तक कि भारत के कई हिस्सों में कुपोषण से होने वाली मौतों की संभावना भी बढ़ गई है। अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की कमज़ोरी को उजागर किया: वैश्विक स्तर (भारत में भी) पर शासन संस्थानों के योजनाओं में असंतुलन है, चुनौतियों के साथ इनका प्रबंधन करना भी आवश्यक हैं।  वर्तमान शासन प्रणालियों की कमजोरी एकीकृत दृष्टिकोण का अभाव: संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों में सूचीबद्ध वैश्विक चुनौतियाँ (SDGs) प्रणाली गत चुनौतियाँ एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं, जिनका संयुक्त राष्ट्र द्वारा तत्काल समाधान किया जाना चाहिए। सीलो-एड दृष्टिकोण (Silo-ed approach): पर्यावरण, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता है परंतु एजेंसियों द्वारा विशेषज्ञों ने केवल अपनी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया है स्थानीय परिस्थितियों की उपेक्षा: सतत आजीविका के साथ-साथ पर्यावरणीय सततता के समाधान केरल और लद्दाख तथा टोक्यो के एक समान नहीं हो सकते हैं। जन भागीदारी का अभाव : स्थानीय लोगों के लिए समाधान के कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए, उन्हें यह अवश्य विश्वास होना चाहिए कि समाधान उनके लिए सही है, न कि बाहरी विशेषज्ञों द्वारा एक समाधान उन पर थोप दिया जाना चाहिए।  आगे की राह- स्थानीय प्रणाली से संबंधित एक मामला  जनता का शासन केवल जनता के लिए नहीं होना चाहिए। यह जनता द्वारा भी अवश्य होना चाहिए कि सरकार को भारत के गाँवों और कस्बों में नागरिकों को अपने मामलों पर शासन करने के लिए शक्ति हस्तांतरित करनी चाहिए । शासन के प्रति सोच और दृष्टिकोण में परिवर्तन अच्छी सरकार का व्यवहार में प्रमुख सिद्धांत  'जनता की सरकार, सरकार द्वारा, सत्ताधारी राजनीतिक दल के लिए' (government of the people, by the government, for the political party in power) बन गया है। प्रशासनिक अधिकारी अपनी भूमिका को 'अच्छे शासन के समर्थक' के बजाय 'सरकार के समर्थक' के रूप में देखते हैं । इससे सत्तसीन सरकार की छवि मजबूत हुई है। सरकारी योजनाओं की संख्या कई गुना हो जाने के कारण प्रशासन का काम जटिल हो गया है - कुछ केंद्र सरकार द्वारा और कुछ राज्य सरकार द्वारा डिज़ाइन की जाती है।  इसके परिणामस्वरूप कार्य में अतिरेक (redundancy) और अक्षमता बढ़ी है। ‘जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा’ के समान सरकार की दृष्टि का एहसास करने के लिए लोगों को स्वयं को जागरूक करने के लिए समर्थन और सक्षम करना होगा। निष्कर्ष  जिन राज्यों और देशों में स्थानीय शासन मजबूत था, उन्होंने दूसरों की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। इससे पता चलता है कि शासन मॉडलों पर, विशेषतः सत्ता के विकेंद्रीकरण के गाँधीवादी शैली पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है। Connecting the dots: 73 वें और 74 वें संविधान संशोधन अधिनियमों के कार्यो का आलोचनात्मक विश्लेषण। (TEST YOUR KNOWLEDGE) मॉडल प्रश्न: (You can now post your answers in comment section) ध्यान दें : आज के प्रश्नों के सही उत्तर अगले दिन के डीएनए (DNA) सेक्शन में दिए जाएंगे । कृपया इसे देखें और अपने उत्तरों को अपडेट करें। Comments Up-voted by IASbaba are also the “correct answers”.  Q.1) चाबहार बंदरगाह, जो हाल ही में समाचारों में था, कहाँ स्थित है? पारस की खाड़ी ओमान की खाड़ी अदन की खाड़ी लाल सागर Q.2) डेलाराम-जरांज राजमार्ग किसे जोड़ता है? अफगानिस्तान और ईरान चीन और पाकिस्तान अफगानिस्तान और भारत ईरान और पाकिस्तान Q.3) विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (Expert appraisal committee) के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें: यह केवल केंद्र के स्तर पर मौजूद है। समिति पर्यावरण मंजूरी के सभी चरणों में शामिल होती है। उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है? केवल 1 केवल 2  1 और 2 दोनों न तो 1 और न ही 2 Q.4) 'भारतमाला परियोजना' के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें।  यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा नौवहन मंत्रालय की एक संयुक्त परियोजना है। भारतमाला परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (NHDP) को शामिल किया जाएगा। उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है? केवल 1 केवल 2  1 और 2 दोनों न तो 1 और न ही 2 Q.5) निम्नलिखित कथनों पर विचार करें भूपर्पटी (क्रस्ट) में जिस स्थान पर दोलन आरंभ होता है उसे उपरिकेंद्र (epicenter) कहा जाता है। उपरिकेंद्र के ऊपर सतही स्थान को फोकस (focus) कहा जाता है। फोकस Hypocentre के रूप में भी जाना जाता है।  उपरोक्त में से कौन सा कथन गलत है? केवल 1 और 2  केवल 1 और 3  केवल 2 और 3  उपरोक्त सभी ANSWERS FOR 13 th JULY 2020 TEST YOUR KNOWLEDGE (TYK) 1  A  2  D  3  C  4  C  5  A  अवश्य पढ़ें मानसून के प्रदर्शन के बारे में - द हिंदू वायरस डेनियर्स (Deniers) क्लब के बारे में - हिंदू पुलिस सुधारों की आवश्यकता के बारे में  - इंडियन एक्सप्रेस