
(PRELIMS + MAINS FOCUS)
ब्रह्मपुरम असफलता पर एनजीटी (NGT on Brahmapuram fiasco)
भाग: GS Prelims and Mains II and III - सांविधिक निकाय; पर्यावरण के मुद्दे; प्रदूषण
समाचार में:
- राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) की बेंच ने कहा कि केरल राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (KSPCB) के अध्यक्ष और सदस्य सचिव को उत्तरदायी ठहराया जाएगा, यदि वह अभियोजन (prosecution) आरंभ करने और ब्रह्मपुरम् में कोच्चि निगम डंपिंग स्थल पर कचरे के अवैज्ञानिक निस्तारण के लिए उत्तरदायी लोगों से मुआवजा वसूलने में विफल रहते हैं।
- NGT की बेंच ने कहा कि प्रगति (उपचारण) की प्रकिया बहुत धीमी है तथा स्वच्छ वातावरण प्रदान करने के सांविधिक और संवैधानिक दायित्व की अवहेलना हुई है।
Important Value Additions:
याद रखने योग्य मुख्य बिंदु:
- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016(SWM Rules, 2016) का अनुपालन न करना।
- डंपिंग साइट पर अपशिष्ट का अवैज्ञानिक निस्तारण जिसके परिणामस्वरूप पर्यावरण प्रदूषित और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
- राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भूमिका (SPCB)
- ठोस कचरा प्रबंधन पर राज्य स्तरीय निगरानी समिति की भूमिका।
- राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की भूमिका (NGT)
क्या आप जानते हैं?
- पर्यावरण की रक्षा और सुधार एक, संवैधानिक जनादेश है।
- यह एक कल्याणकारी राज्य के विचारों के प्रति संकल्पित, देश की प्रतिबद्धता है।
- भारतीय संविधान में राज्य के निति निदेशक तत्व (DPSP) और मौलिक कर्तव्य (FD) के तहत पर्यावरण संरक्षण के लिए विशिष्ट प्रावधान हैं।
अनुच्छेद 48A (DPSP): पर्यावरण की सुरक्षा और सुधार तथा वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा। राज्य पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने और देश के वनों और वन्यजीवों की रक्षा करने का प्रयास करेगा।
अनुच्छेद 51-A(g) मौलिक कर्तव्य (FD): "यह भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह वनों, झीलों, नदियों और वन्य जीवन सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करे तथा जीवित प्राणियों के प्रति करुणा भाव रखे।
अनुच्छेद 21 मौलिक अधिकार (FR): स्वच्छ वातावरण का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन का अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी का एक हिस्सा है।
"राज्य का संवैधानिक दायित्व अपने सभी नागरिकों को स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करना है। पर्यावरण से संबंधित मामलों में, राज्य को सूत्रधार के रूप में कार्य करना होता है, न कि अवरोधक के रूप में। "
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के बारे में
- राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम, 2010 में पर्यावरण संरक्षण और वनों के संरक्षण तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित मामलों के प्रभावी और त्वरित निस्तारण के लिए एनजीटी (NGT) की स्थापना का प्रावधान है।
- एनजीटी (NGT) पर्यावरण से संबंधित किसी भी कानूनी अधिकार को लागू करने तथा व्यक्तियों और संपत्ति को नुकसान के लिए राहत और मुआवजा देने के लिए भी अधिकृत है।
- एनजीटी अधिनियम में वायु और जल प्रदूषण से संबंधित सभी पर्यावरणीय क़ानूनों से निपटने के लिए एनजीटी की स्थापना की परिकल्पना की गई है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, वन संरक्षण अधिनियम और जैव विविधता अधिनियम को एनजीटी अधिनियम की अनुसूची 1 में स्थापित किया गया है।
नोटः वन्यजीव संरक्षण सुप्रीम कोर्ट की ग्रीन बेंच के दायरे में आता है, न कि एनजीटी (NGT) के अधीन है।
15वां भारत-यूरोपीय संघ (वर्चुअल) शिखर सम्मेलन
भाग: GS Prelims and Mains II - भारत और यूरोपीय संघ के संबंध; अंतर्राष्ट्रीय संबंध
समाचार में:
- भारत-यूरोपीय संघ (EU) वर्चुअल समिट आयोजित करेंगे
फोकस क्षेत्र:
- भारत और यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) वार्ताओं को फिर से आरंभ करेंगे -द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौता (BTIA)
- सहयोग के लिए रोड मैप, असैन्य परमाणु सहयोग के लिए अनुसंधान के साझेदारी पर समझौता तथा समुद्री सुरक्षा वार्ता शुरू करने के साथ-साथ यूरो पोल और सीबीआई के बीच वार्ता सहित कई समझौतों को अंतिम रूप से तय करना शामिल है।
- टीकों (vaccines) और उपचार पर चिकित्सा विकास।
क्या आप जानते हैं?
- यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और निवेशक है, तथा जो भारत के वैश्विक व्यापार का 11% है।
- यूरोपीय संघ ने अगले साल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के चयन का स्वागत किया है।
- यूरोपीय संघ को "द्विपक्षीय निवेश संधि" (बीआईटी) के मॉडल के बारे में आपत्ति है जो भारत ने प्रस्तावित किया है, खासकर भारतीय न्यायालयों में विवाद तंत्र पर।
- द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौता भारत और यूरोपीय संघ के बीच एक मुक्त व्यापार समझौता है, जिसे 2007 में आरंभ किया गया था।
सोचिए!
- भारत के लिए यूरोपीय संघ का महत्व
चीन-ईरान संबंध
भाग: GS Mains II - अंतर्राष्ट्रीय संबंध
संबंध के बारे में:
- 400 अरब डॉलर के दीर्घकालिक समझौते के माध्यम से ईरान और चीन अपनी साझेदारी को एक नए स्तर पर ले जा रहे हैं।
- दोनों देश उस समझौते को अंतिम रूप देने के एक उन्नत चरण में हैं जो चीन को बैंकिंग, दूरसंचार, बंदरगाह, रेलवे और इस्लामिक गणराज्य में कई अन्य क्षेत्रों में 25 वर्षों तक भारी छूट वाले तेल सहित इसे अपनी उपस्थिति का विस्तार करने की अनुमति देगा।
- उपर्युक्त समझौता यदि अंतिम रूप से प्रतिबंधों से प्रभावित ईरान और चीन के लिए एक आर्थिक जीवन रेखा हो सकता है, तो चीन उस क्षेत्र में अपने रणनीतिक प्रभाव को बढ़ा सकता है, जहां अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से एक मजबूत उपस्थिति बनाई है।
- यह समझौता चीन के खिलाफ अमेरिका के दंडात्मक उपायों को भी आकर्षित कर सकता है।
संबंधित क्षेत्र:
- चीन और ईरान दोनों देशों के अमेरिका के साथ मतभेद हैं।
- चीन एक विशाल ऊर्जा बाजार है और चीन के पास अधिशेष नकदी, प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, जबकि ईरान एक प्रतिबंध प्रभावित, नकदी की कमी वाला ऊर्जा निर्यातक देश है।
- चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) में ईरान का महत्वपूर्ण स्थान है ।
- चीन और ईरान संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास, संयुक्त अनुसंधान और शस्त्र निर्माण और खुफ़िया जानकारी साझा करने की शुरुआत करेंगे ।
- चीन ईरान को अपना जीपीएस (GPS) प्रयोग करने का प्रस्ताव देगा, 5जी रोल आउट के लिए अवसंरचना का निर्माण करेगा और मुक्त व्यापार क्षेत्र विकसित करेगा ।
अमेरिका ने दक्षिणी चीन सागर में बीजिंग के दावों को खारिज किया
भाग: GS Prelims and Mains II - अंतर्राष्ट्रीय मामले
समाचार में:
- अमेरिका ने कहा है कि दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्सों में अप-तटीय (Offshore) संसाधनों के लिए चीन के दावे पूरी तरह से गैर कानूनी हैं।
- दक्षिण चीन सागर मूल्यवान तेल और गैस भंडार का स्रोत है और दुनिया के वाणिज्य व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण जल मार्ग है।
- अमेरिका ने यह भी कहा कि वह समुद्रों की स्वतंत्रता और संप्रभुता के सम्मान की रक्षा में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ खड़ा होगा और दक्षिण चीन सागर में किसी भी दावे को खारिज करेगा ।
क्या आप जानते हैं?
- चीन 1940 के दशक के नक्शों के आधार पर एक तथाकथित नाइन डैश लाइन के माध्यम से दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है।
- अमेरिका ने जल सीमा क्षेत्र के आसपास में चीन के दावों को खारिज कर दिया, जो वियतनाम का वैनगार्ड बैंक, मलेशिया का लुकानिया शोल, ब्रुनेई का अनन्य आर्थिक क्षेत्र और इंडोनेशिया से नटुना बेसर में माना जाता है।
- अमेरिका ने मलेशिया प्रशासित जेम्स शोल के चीन के दक्षिणी दावे को भी खारिज कर दिया, जो चीन की मुख्य भूमि से 1800 किमी (1,150 मील) की दूरी पर है ।
ब्रिटेन ने हुवाई को अपने 5जी नेटवर्क की भावी भूमिका से प्रतिबंधित कर दिया
भाग: GS Mains II - अंतर्राष्ट्रीय मामले
समाचार में:
- ब्रिटेन ने चीन की दूरसंचार कंपनी हुवाई (Huawei) पर प्रतिबंध, यह चिंता जताते हुए लगाया कि हुवाई उपकरण चीनी सरकार को ब्रिटेन के नेटवर्क में घुसपैठ करने की अनुमति दे सकता है ।
- अमेरिका ने सुरक्षा सहयोग में कटौती करने की धमकी दी है जब तक कि ब्रिटेन हुवाई को डंप नहीं कर देता है।
- इस फैसले से 5जी रोल आउट में देरी होगी और लाखों पाउंड का खर्च होगा।
स्पाइक-एलआर (लंबी दूरी) एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें
भाग: GS Prelims - रक्षा
समाचार में:
- भारतीय सेना इजरायल से स्पाइक-एलआर (लंबी दूरी) एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल खरीदने के रिपीट ऑर्डर (दुबारा मंगाने) के लिए तैयार है।
- इससे पहले सेना ने अमेरिका से 72,400 सिग सउर असॉल्ट राइफलें (Sig Sauer assault rifles) खरीदने के लिए रिपीट ऑर्डर देने का फैसला किया था।
तुर्की ने हागिया सोफिया संग्रहालय को मस्जिद में परिवर्तित कर दिया
भाग: GS Prelims and Mains I and II - अंतर्राष्ट्रीय मामले; विश्व इतिहास; संस्कृति
समाचार में:
- हाल ही में तुर्की की सर्वोच्च अदालत ने लगभग 1,500 साल पुराने हागिया सोफिया संग्रहालय को एक मस्जिद में बदलने की अनुमति दी।
- यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध सदियों पुरानी संरचना, मूल रूप से 1453 में एक मस्जिद में बदल जाने से पहले बाइज़ेंटाइन साम्राज्य में एक कैथेड्रल था, जब कॉन्स्टेंटिनोपल पर सुल्तान मेहमत द्वितीय के अंतर्गत ओटोमन बलों द्वारा अधिकार कर लिया गया था।
- लेकिन 1930 के दशक में तुर्की गणराज्य के संस्थापक मुस्तफ़ा कमाल अतातुर्क ने मस्जिद को बंद कर दिया तथा देश को अधिक धर्मनिरपेक्ष बनाने की कोशिश में इसे संग्रहालय में तब्दील कर दिया था।
- हागिया सोफिया की स्थिति में बदलाव यूनेस्को सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बार-बार चेतावनी देने के बाद, यह सुनिश्चित करने के लिए कि तुर्की इन योजनाओं के साथ आगे नहीं बढ़े, आया है।
हागिया सोफिया का इतिहास
- इस्तांबूल में इस प्रतिष्ठित संरचना का निर्माण 532 ई. में बाइज़ेंटाइन साम्राज्य के शासक जस्टिनियन प्रथम के शासनकाल के दौरान शुरू हुआ, जब शहर को कॉन्स्टेंटिनोपल के रूप में जाना जाता था। संरचना मूल रूप से पूर्वी रूढ़िवादी चर्च के प्रमुख का स्थान बनाने के लिए किया गया था और जो लगभग 900 वर्षों तक ऐसा ही बनी रही।
- 1453 में, जब कॉन्स्टेंटिनोपल पर सुल्तान मेहमत द्वितीय के अंतर्गत ओटोमन बलों द्वारा अधिकार कर लिया गया, हागिया सोफिया पर आक्रमणकारी शक्तियों ने हमला करा और कुछ ही दिनों बाद मस्जिद में बदल दिया गया।स्मारक की संरचना में तब कई आंतरिक और बाहरी परिवर्तनों को किया गया था जहां रूढ़िवादी प्रतीकों को हटा दिया गया था या पुताई कर दी गई थी और मीनारों को संरचना के बाहरी हिस्से में जोड़ा गया था। लंबे समय तक हागिया सोफिया इस्तांबुल की सबसे महत्वपूर्ण मस्जिद थी।
- 1934 में, अतातुर्क ने आदेश दिया कि हागिया सोफिया को एक संग्रहालय में बदल दिया जाए। जिसे 1935 में जनता के लिए खोला गया।
(मुख्य लेख)
अंतर्राष्ट्रीय/ अर्थव्यवस्था
विषय: सामान्य अध्ययन 2,3:
- भारत और इसके पड़ोसियों से संबंध।
- भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव
अवसर की समाप्ति: भारत के चाबहार परियोजना में अवसर की समाप्ति
संदर्भ : ईरान ने इस परियोजना की शुरुआत में भारत की ओर से धन में देरी का हवाला देते हुए चाबहार बंदरगाह रेल परियोजना के साथ अकेले आगे बढ़ने का फैसला किया है।
क्या आप जानते हैं?
- चाबहार बंदरगाह ओमान की खाड़ी पर स्थित है और पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से केवल 72 किमी दूर है जिसे चीन ने विकसित किया है।
- कांडला और चाबहार पोर्ट के बीच की दूरी नई दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी से भी कम है।
- 2003 में हस्ताक्षरित चाबहार बंदरगाह को भारत, ईरान और अफग़ानिस्तान ने संयुक्त रूप से विकसित किया था।
- सरकार ने 2018 में अफग़ानिस्तान को निर्यात किया था तथा कार्गो सहित आधा लाख टन से अधिक अनाज और खाद्य आपूर्ति बंदरगाह के माध्यम से अफग़ानिस्तान में भेजा गया है।

चाबहार बंदरगाह का महत्व
- यह ईरान के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देता है, जो भारत के लिए एक प्रमुख तेल आपूर्तिकर्ता है ।
- इससे भारत को अफग़ानिस्तान, रूस और यूरोप तक पहुंच मिलेगी, इस तरह पाकिस्तान को बाइपास कर दिया जाएगा।
- बंदरगाह और रेल परियोजना (अफग़ानिस्तान सीमा के पास चाबहार से जहेदान से ज़रंग तक) कनेक्टिविटी, ऊर्जा आपूर्ति और व्यापार में वृद्धि करेगी।
- यह बंदरगाह अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) में भी एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो भारत के बीच ईरान के रास्ते रूस तक माल ढुलाई करने के लिए जहाज़ों, रेल और सड़क मार्गों का एक मल्टी-मॉडल नेटवर्क है ।
- इससे बुनियादी ढांचे और शिक्षा परियोजनाओं के जरिए अफग़ानिस्तान के विकास में भारत की भूमिका को सुगम बनाया जा सकेगा।
ईरान के हालिया कदम को भारत की असफलता क्यों माना जा रहा है?
- भारत और ईरान चाबहार बंदरगाह से जहेदान तक 628km की रेल लाइन बनाने पर सहमत हुए थे, जिसे अफग़ानिस्तान में सीमा पार जरांज तक बढ़ाया जाना था।
- इस रेल लाइन को भारत ने अफग़ानिस्तान और मध्य एशिया के लिए एक वैकल्पिक व्यापार मार्ग के रूप में माना था।
- राज्य के स्वामित्व वाली भारतीय रेलवे निर्माण लिमिटेड (IRCON) ने 2016 में ईरानी रेल मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे, तथा सभी सेवाएं, अधिरचना (superstructure ) कार्य और वित्तपोषण (लगभग 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर) प्रदान करने का वादा किया था।
- ईरान की ताजा कार्रवाई चीन के साथ 400 अरब डॉलर के 25 साल के रणनीतिक भागीदारी समझौते को अंतिम रूप देने वाले ईरान की पृष्ठभूमि में है।
ईरान की कार्रवाइयों के कारण
- अमेरिकी प्रतिबंधों के डर के कारण भारतीय फंडिंग में देरी: इरकॉन के इंजीनियरों द्वारा कई साइट यात्राओं और ईरानी रेलवे द्वारा तैयारियों के बावजूद, भारत ने कभी भी यह काम शुरू नहीं किया, यह चिंता जताते हुए कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रतिबंधों को लागू कर सकता है।
- द्विपक्षीय संबंधों में रुकावट: भारत ने अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण ईरान से अपने तेल आयात को पहले ही खत्म कर दिया है। फरवरी 2020 में ईरान के साथ द्विपक्षीय संबंध प्रभावित हुआ, जब दिल्ली में हुए दंगों की ईरान ने निंदा की।
- रसद खरीद में कठिनाइयाँ: संयुक्त राज्य अमेरिका ने चाबहार बंदरगाह और रेल लाइन के लिए प्रतिबंध छूट प्रदान की थी लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लक्षित किए जाने की चिंता के कारण उपकरण आपूर्तिकर्ताओं और भागीदारों को ढूंढना मुश्किल था।
- चीन के साथ एक बेहतर सौदा: 400 बिलियन डॉलर के इस सौदे में चाबहार के ड्यूटी-फ्री ज़ोन में चीनी भागीदारी, पास में एक तेल रिफ़ाइनरी और संभवतः चाबहार बंदरगाह में एक बड़ी भूमिका शामिल है।
- बढ़ते हुए ईरान-चीन संबंध: ईरान ने 2019 में ग्वादर और चाबहार में चीन द्वारा संचालित पाकिस्तानी बंदरगाह के बीच टाई-अप का प्रस्ताव रखा तथा चाबहार से 350 किलोमीटर दूर बंदर-ए-जस्क बंदरगाह के साथ-साथ चाबहार शुल्क मुक्त क्षेत्र में चीन के हितों की पेशकश की।
निष्कर्ष
एक ऐसा विश्व जहां कनेक्टिविटी को नई मुद्रा के रूप में देखा जाता है, भारत का नुकसान चीन का लाभ बन सकता है ।
Connecting the dots:
- स्ट्रिंग आफ पर्ल्स सिद्धांत
- चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव
अर्थव्यवस्था/ शासन
विषय: सामान्य अध्ययन 2,3:
- पशु पालन का अर्थशास्त्र।
- सरकारी नीतियाँ और उनकी योजना और कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे।
डेयरी सहकारी समितियां: आत्मनिर्भर भारत की प्राप्ति के लिए एक मॉडल
संदर्भ: आत्मनिर्भर भारत अभियान का उद्देश्य यह है की COVID -19 पश्चात् आर्थिक पुनर्निर्माण में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है।
आत्मनिर्भरता दो विषयों पर ध्यान देकर हासिल की जा सकती है: 'वोकल फॉर लोकल' और 'लोकल टू ग्लोबल' ।
क्या आप जानते हैं?
- भारत पिछले 22 वर्षों से दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश रहा है।
- वर्तमान में, भारत का दुग्ध उत्पादन लगभग 188 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) है- 2018-19 में, जो विश्व दुग्ध उत्पादन का लगभग 21% है।
दुग्ध क्षेत्र का महत्व
- राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान लगभग 4.5% है।
- यह लगभग 100 मिलियन ग्रामीण परिवारों के लिए आय का प्राथमिक स्रोत है- जिनमें ज्यादातर भूमिहीन, छोटे या सीमांत किसान हैं।
- कृषि अर्थव्यवस्था के कुल मूल्य में से लगभग 28% (8 लाख करोड़ रुपये या 110 अरब डॉलर) का योगदान डेयरी द्वारा किया जाता है।
- भारत में दुग्ध उत्पादन पिछले 20 वर्षों में 4.5% के CAGR से बढ़ रहा है, जबकि दुनिया के 2% CAGR से भी कम है। इस उच्च वृद्धि ने भारत को विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती आबादी को अवशोषित करने में सक्षम बनाता है।
दुग्ध क्षेत्र और आत्मनिर्भरता
- दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भरता दशकों पहले हासिल की गई थी ।
- 1970 के दशक की शुरुआत में, भारत का दूध उत्पादन अमेरिका का सिर्फ एक तिहाई और यूरोप का आठवां हिस्सा था।
- वर्तमान में भारत का दुग्ध उत्पादन अमेरिका से दोगुना और यूरोप की तुलना में 25 फीसद अधिक है।
इस आत्मनिर्भरता को कैसे हासिल किया गया?
- 1970 के दशक के दौरान, अधिकांश डेयरी किसानों को बिचौलियों की लंबी श्रृंखला और संगठित बाजारों तक पहुंच की कमी के कारण लाभकारी रिटर्न नहीं मिला।
- तीन स्तरीय सहकारी मॉडल को अपनाने के बाद परिदृश्य बदल गया, जिसे श्वेत क्रांति के तीन चरणों के कार्यान्वयन के साथ अमूल मॉडल के रूप में जाना जाता है।
- इससे न केवल भारत दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया बल्कि विश्व स्तर पर दूध का सबसे बड़ा उपभोक्ता भी बन गया।
- भारत में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता प्रति व्यक्ति 400 ग्राम प्रति दिन के आसपास है, जो प्रति व्यक्ति 300 ग्राम प्रति दिन से कम वैश्विक औसत से अधिक है।
दुग्ध उत्पादन में भारत की आत्मनिर्भरता को बनाए रखने के लिए क्या करने की आवश्यकता है?
- निजी निवेश का समर्थन
- भारतीय डेयरी सहकारी समितियां और निजी कंपनियां अगले दशक में 4.5-4.8 करोड़ लीटर प्रतिदिन की अतिरिक्त दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता उत्पन्न कर सकती हैं।
- इस वृद्धि को सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान डेयरी और मत्स्य पालन के लिए एक वित्तीय पैकेज की घोषणा की गई थी।
- इसमें डेयरी प्रसंस्करण, मूल्य वर्धन और पशु चारे के बुनियादी ढांचे में निजी निवेश को समर्थन देने के लिए 15,000 करोड़ रुपये मूल्य के पशु पालन बुनियादी ढाँचा विकास कोष (AHIDF) का निर्माण शामिल है।
- प्रस्तावित फंड को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के माध्यम से चैनलाइज किया जाना चाहिए।
- डेयरी किसानों तक किसान क्रेडिट कार्ड योजना का विस्तार
- सरकार ने इस विस्तार की घोषणा की है कि इसे ज़मीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करना चाहिए।
- इससे नकदी प्रवाह सुनिश्चित होगी तथा लघु किसानों की कार्यशील पूँजी की आवश्यकता पूरी होगी।
- समग्र दृष्टिकोण
- असंगठित किसानों को असंगठित क्षेत्र से संगठित क्षेत्र में लाने के लिए समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
- यह कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs), सामान्य सेवा केंद्रों (CSCs), व्यापार संवाददाताओं (BCs) कमोडिटी एक्सचेंजों और डिजिटल बाजारों को मजबूत करने, नीतियों को मजबूत करने की इच्छाओं का अभिसरण है।
- इसका रुझान यह सुनिश्चित करने पर होना चाहिए कि डेयरी किसानों को मूल्य वर्धन के माध्यम से होने वाली आय का उचित हिस्सा मिले।
- डेयरी क्षेत्र को भी राष्ट्रीय नीति के हिस्से के रूप में 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के प्रस्तावित निर्माण में अपनी पर्याप्त हिस्सेदारी रखने की आवश्यकता है ताकि बेहतर अभिसरण के लिए एफपीओ (FPOs) को तैयार किया जा सके।
- विदेशी कंपनियों से डेयरी किसानों की रक्षा करना
- दूध-अधिशेष आर्थिक रूप से विकसित देशों से सस्ता आयात करने की अनुमति देने से भारतीय डेयरी किसानों को कड़ी टक्कर मिल सकती है।
- भारत ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) से स्वयं को वापस ले लिया, जिसमें घरेलू डेयरी क्षेत्र को प्रभावित करने वाले सस्ते डेयरी आयात के बारे में आशंकाओं का हवाला दिया गया।
Connecting the dots:
- आरसीईपी (RCEP)
- 97वां संविधान संशोधन अधिनियम
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मॉडल प्रश्न: (You can now post your answers in comment section)
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- आज के प्रश्नों के सही उत्तर अगले दिन के डीएनए (DNA) सेक्शन में दिए जाएंगे । कृपया इसे देखें और अपने उत्तरों को अपडेट करें।
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Q.1) नीचे दिए गए अनुच्छेद में यह प्रावधान है कि राज्य पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने तथा देश के वनों और वन्यजीवों की रक्षा करने का प्रयास करेगा?
- अनुच्छेद 48A
- अनुच्छेद 49A
- अनुच्छेद 51-A (जी)
- अनुच्छेद 50
Q.2) द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौता (BTIA) किन देशों से संबद्ध है?
- भारत और चीन
- भारत और यूरोपीय देश
- भारत और अमेरिका
- भारत और रूस
Q.3) विभिन्न व्यापार समझौतों से संबंधित, निम्नलिखित परिभाषाओं पर विचार करें:
- पीटीए (PTA) दो या दो से अधिक देशों के बीच ऐसी व्यवस्थाएं हैं जो मुख्य रूप से सीमा शुल्क और उनके बीच पर्याप्त व्यापार पर गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने या खत्म करने के लिए सहमत होते हैं ।
- सीमा शुल्क संघ (Custom union) वह व्यवस्था है जिसमें साझेदार देश आपस में शून्य शुल्क पर व्यापार करने का निर्णय ले सकते हैं; हालांकि वह दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए आम टैरिफ बनाए रखते हैं ।
- आर्थिक संघ (Economic Union) राजकोषीय/ मौद्रिक नीतियों और साझा कार्यकारी, न्यायिक और विधायी संस्थानों के सामंजस्य के माध्यम से विस्तारित एक साझा बाजार है ।
उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है?
- केवल 1
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1, 2 और 3
Q.4) समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCLOS) के बारे में, निम्नलिखित बयानों पर विचार करें:
- संयुक्त राज्य अमेरिका इस कन्वेंशन का हिस्सा नहीं है ।
- इस कन्वेंशन के तहत इंटरनेशनल सीबेड अथॉरिटी (ISA) की स्थापना की गई है ।
उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
Q.5) हागिया सोफिया के संदर्भ में, नीचे दिए गए कथनों पर विचार करें:
- यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध है।
- इस प्रतिष्ठित संरचना का निर्माण बाइज़ेंटाइन साम्राज्य के दौरान आरंभ हुआ था।
उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न 1 और न ही 2
ANSWERS FOR 14th July 2020 TEST YOUR KNOWLEDGE (TYK)
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Chana’s के संबंध में भारतीय नीति की दुविधा:
द हिंदू
महामारी के बेहतर प्रबंधन के लिए वैज्ञानिकों को सुनना:
द हिंदू
भारत के लिए गूगल की निवेश योजना के बारे में:
द इंडियन एक्सप्रेस